रानीगंज-राज्य के पूर्व मंत्री तथा आसनसोल के पूर्व मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) सांसद वंश गोपाल चौधरी को पार्टी ने यौन उत्पीड़न के आरोपों में निष्कासित कर दिया है। मुर्शिदाबाद की एक माकपा नेत्री ने चौधरी पर सोशल मीडिया के माध्यम से अश्लील संदेश भेजने का आरोप लगाया था, जिसके बाद पार्टी ने यह कार्रवाई की।
आरोप और जांच:
मुर्शिदाबाद की पूर्व पार्षद और माकपा नेत्री ने आरोप लगाया कि वंश गोपाल चौधरी ने उन्हें एक संगठन के बारे में जानकारी देने के बहाने संपर्क किया था। जब उन्होंने जानकारी देने में असमर्थता जताई, तो चौधरी ने उन्हें फेसबुक मैसेंजर और व्हाट्सएप पर अश्लील संदेश भेजना शुरू कर दिया। महिला ने यह भी दावा किया कि उन्होंने पिछले साल नवंबर में ही जिला माकपा नेताओं को इस मामले की शिकायत की थी। पार्टी ने आंतरिक जांच के बाद चौधरी को दोषी पाया और उन्हें निष्कासित करने का निर्णय लिया।
पार्टी का रुख:
माकपा के एक शीर्ष नेता ने कहा कि पार्टी इस तरह के आचरण को बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा, "भले ही आज हमारी पार्टी लोकसभा और विधानसभा में शून्य पर है, लेकिन हम ऐसे कृत्यों को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।" पार्टी ने वंश गोपाल चौधरी के निष्कासन का आधिकारिक अधिसूचना जारी करने की बात कही है।
वंश गोपाल चौधरी का खंडन:
निष्कासन के बाद, वंश गोपाल चौधरी ने आसनसोल स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ पार्टी के एक गुट ने भाजपा के साथ मिलकर साजिश रची है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी के कुछ नेता अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं और भाजपा के साथ मिलकर पार्टी को कमजोर कर रहे हैं। चौधरी ने कहा कि वह 19 साल की उम्र से पार्टी से जुड़े हैं और जनसेवा के लिए काम करते रहेंगे। उन्होंने किसी अन्य पार्टी में शामिल होने की संभावना से इनकार किया है।
पृष्ठभूमि:
यह मामला तब सामने आया जब सोशल मीडिया पर कुछ स्क्रीनशॉट और ऑडियो क्लिप वायरल हुए, जिनमें चौधरी पर अश्लील संदेश भेजने का आरोप लगाया गया था। हालांकि, इन स्क्रीनशॉट और ऑडियो क्लिप की सत्यता की पुष्टि नहीं हो पाई है। इस घटना ने माकपा के भीतर एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है और पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाया है।
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