जामुड़िया- आसनसोल नगर निगम के जमुड़िया बोरो नंबर एक के वार्ड नंबर 7 स्थित आदिवासी बहुल हुबडुबी गांव में पिछले सप्ताह से डायरिया का प्रकोप से गांव के कई लोग बीमार पड़ गए थे. स्थानीय निवासियों के अनुसार, गांव में शायद ही कोई ऐसा घर था जहां एक या दो सदस्य डायरिया से पीड़ित न हों.
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने बार-बार स्वास्थ्य विभाग से मदद की गुहार लगाई, लेकिन उन्हें कोई सहायता नहीं मिली. जानकारी के अनुसार, इस गांव में लगभग 70 परिवार निवास करते हैं. इकरा औद्योगिक क्षेत्र इस गांव के बिल्कुल करीब है, फिर भी गांव के लोगों को पीने के लिए स्वच्छ पानी उपलब्ध नहीं है. गांव के अंतिम छोर पर स्थित एक ट्यूबवेल ही उनके पानी का एकमात्र स्रोत है.ग्रामीणों का मानना है कि दूषित पानी पीने के कारण ही लोगों को डायरिया हुआ.
गुरुवार को, आखिरकार आसनसोल नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग की एक टीम गांव पहुंची और उन्होंने कैम्प लगा कर स्थिति का जायजा लिया .इस संबंध में वार्ड नंबर 7 की पार्षद सुष्मिता बाउरी ने बताया कि इलाके में कुछ लोगों को डायरिया हुआ था, हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अब स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और प्रशासन की ओर से सहायता भी पहुंचाई गई है.
वहीं, जब इस बारे में बालनपुर अर्बन प्राइमरी हेल्थ सेंटर के मेडिकल ऑफिसर डॉ. प्रताप चंद्र पोद्दार ने महामारी जैसी किसी भी स्थिति से इनकार किया। उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ लोगों को डायरिया की शिकायत हुई थी, लेकिन अब वे सभी स्वस्थ हैं. डॉ. पोद्दार ने बताया कि ग्रामीणों को कुछ आवश्यक निर्देश दिए गए हैं, जिसमें पानी को उबालकर ठंडा करके पीना शामिल है.इसके अतिरिक्त, यदि संभव हो तो कुछ दिनों तक जेरी कैन (प्लास्टिक के डिब्बे)का पानी मंगवाकर पीने की सलाह दी गई है. उन्होंने आगे बताया कि स्वास्थ्य केंद्र में पर्याप्त दवाएं उपलब्ध हैं और किसी भी प्रकार की समस्या होने पर ग्रामीण वहां जाकर दवा ले सकते हैं. डॉ. पोद्दार ने जोर देकर कहा कि स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है.
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