- रानीगंज में पत्नी ने पति के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कराया।
- पुलिस ने पति को कोलकाता से लाया
- पति ने स्वीकार किया कि वह खुद ही घर से भाग गया था
- पति ने बताया कि उसने अशोक वर्मा से 8 लाख रुपये उधार लिए थे।
- पुलिस अब शिकायत कर्ता के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज करने के आरोप में कार्रवाई करने की बात कह
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फोटो-रानीगंज थाना में रजनीश शर्मा |
रानीगंज: रानीगंज में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पत्नी ने अपने पति के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने जब पति को ढूंढ निकाला तो सच्चाई चौंकाने वाली थी. पति ने स्वीकार किया कि उसे किसी ने अपहरण नहीं किया था, बल्कि वह खुद ही घर से भाग गया था.
पुलिस के मुताबिक, तिलक रोड निवासी रजनीश शर्मा 23 सितंबर से लापता थे। उनकी पत्नी काजल ने गुमशुदगी दर्ज कराई थी और बाद में एक सेवानिवृत्त पड़ोसी अशोक बर्मा पर अपहरण का आरोप लगाया था। काजल ने आरोप लगाया था कि अशोक ने रजनीश को 10 लाख रुपये की फिरौती के लिए अगवा कर लिया है।
क्या है घटना:
पुलिस के मुताबिक, तिलक रोड निवासी पेशे से मिठाई दुकानदार रजनीश शर्मा 23 सितंबर को लापता हो गए थे. तब उनकी पत्नी काजल किरण शर्मा ने रानीगंज थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी. फिर 5 नवंबर को काजल किरण शर्मा ने आसनसोल कोर्ट में मामला दर्ज कराया कि उनके पति का एक सेवानिवृत्त पड़ोसी अशोक बर्मा ने अपहरण कर लिया है. वहां उसने बताया कि अशोक ने उससे कहा कि जब तक वह 10 लाख की फिरौती नहीं देगा, वह रजनीश को नहीं छोड़ेगा. कोर्ट के आदेश पर रानीगंज थाने की पुलिस ने पांच नवंबर से अपहरण कांड की जांच शुरू की. रानीगंज थाना प्रभारी बिकास दत्ता ने बताया कि इसके बाद रजनीश के मोबाइल फोन के लोकेशन पर नजर रखी गयी. उन्हें कोलकाता के बेलूर, सोनागाछी समेत कई विभिन्न इलाकों में देखा गया ,आख़िरकार उन्हें रविवार रात कोलकाता न्यू मार्केट के पास एक होटल से तलाश कर रानीगंज लाया गया.
सोमवार को रजनीश ने पुलिस के समक्ष मीडिया को बताया कि उनका किसी ने अपहरण नहीं किया है, यह आरोप झूठा है. रजनीश ने कहा, "अशोक वर्मा मेरे पिता समान हैं,उन्होंने दो वर्ष पूर्व मुझसे कहा था कि मेरे पास कुछ रुपये है,इसे किसी ऐसे जगह इन्वेस्ट कर दो को कुछ लाभ मिले मैंने उनसे 8 लाख रुपये लेकर एक व्यक्ति को सूद पर दिया था ,पर वह व्यक्ति बीते 6 माह पूर्व आत्महत्या कर लिया , उसके बाद मैं उनके पैसा वापस नहीं कर सका.अशोक वर्मा ने मुझे पैसे वापस पाने के लिए कोई परेशानी नहीं दी,पर लगातार दबाब दे रहे थे. मैंने भयवश खुद सोचा था कि मैं यह।रकम चुका नहीं पाऊंगा, इसलिए मैं परिवार में किसी को बताए बिना घर से भाग गया.''
पुलिस के मुताबिक, कोर्ट को इस घटना की पूरी जानकारी दी जाएगी साथ ही झूठे आरोपों के आधार पर प्रशासन को गुमराह करने के लिए कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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