रानीगंज: भक्ति और आस्था के महापर्व कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर, मंगलवार को रानीगंज के श्री सीताराम जी मंदिर में 'देव दीपावली' का भव्य आयोजन किया गया. भगवान विष्णु के योग निद्रा से जागृत होने और त्रिपुरासुर राक्षस पर भगवान शिव की विजय की खुशी में मनाई जाने वाली यह देव दीपावली इस वर्ष भी धूमधाम से मनाई गई.
15 हज़ार से अधिक दीपकों से जगमगाया मंदिर
इस विशेष अवसर पर, मंदिर परिसर को भव्य रूप से सजाया गया. भक्तों ने उत्साह के साथ लगभग 15 हज़ार से अधिक दीपक जलाए, जिससे मंदिर का प्रांगण अद्भुत और अलौकिक लग रहा था.ऐसा प्रतीत हो रहा था, मानो बनारस के काशी घाट की देव दीपावली रानीगंज के कोयला अंचल में संपन्न हो रही हो.सैकड़ों की संख्या में भक्तों ने इस देव दीपावली समारोह में दीपदान कर पुण्य अर्जित किया.
उद्घाटन और आयोजन समिति
इस भव्य देव दीपावली समारोह का उद्घाटन उद्योगपति और समाजसेवी गोपाल अग्रवाल ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर किया.संस्था के अध्यक्ष विमल बाजोरिया,सचिव: प्रदीप सरायाकोषाध्यक्ष ललित झुनझुनवाला इस आयोजन के लिए समर्पित रहे.
'देव दीपावली' का धार्मिक महत्व
आयोजक मंडल के सचिव प्रदीप सरायां ने 'देव दीपावली' के धार्मिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया की कार्तिक पूर्णिमा के दिन ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था. इस खुशी में देवताओं ने दिवाली मनाई थी और काशी के घाट पर गंगा में दीपदान किया था, तभी से कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान किया जाता है.उन्होंने बताया कि इस दिन भगवान लक्ष्मी-नारायण और भगवान शिव की आराधना की जाती है
एक छोटी शुरुआत, बड़ी परंपरा
आयोजकों ने बताया कि इस धार्मिक आयोजन की शुरुआत 8 वर्ष पूर्व मात्र 501 दीपकों के दान से हुई थी. आज यह आयोजन इतना भव्य रूप ले चुका है कि यह कोयलांचल-शिल्पांचल की एक प्रमुख धार्मिक पूजा बन गई है.
श्रद्धा, आस्था और दीयों की जगमगाहट से युक्त इस देव दीपावली ने रानीगंज में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार कर दिया.











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