रानीगंज के मंदिरों में धूमधाम से मनाया गया अन्नकूट उत्सव




रानीगंज. दीपावली के बाद अन्नकूट का पावन त्यौहार बड़े ही श्रद्धा और उत्साह के साथ रानीगंज में मनाया गया. यह उत्सव उस ऐतिहासिक दिन की याद दिलाता है जब भगवान श्री कृष्ण ने अपनी कानी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर धरती और ब्रजवासियों की रक्षा की थी. माना जाता है कि तभी से यह अन्नकूट उत्सव मनाया जाता है, जिसमें भगवान श्री कृष्ण को उनके मनपसंद व्यंजनों का भोग लगाया जाता है 




रानीगंज के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक, श्री सीताराम जी मंदिर परिसर में बुधवार को यह भव्य उत्सव मनाया गया.मंदिर के पुरोहित विजय कुमार पांडे ने बताया कि अन्नकूट बहुत प्राचीन उत्सव है. "भगवान श्री कृष्ण ने धरती की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी कानी उंगली पर उठाया था. उसी दिन से इस त्यौहार को मनाया जाता है. अन्न का पहाड़ बनाकर भगवान को भोग लगाते हैं और अन्नकूट का त्यौहार मनाते हैं."




उन्होंने बताया कि मंदिर में आयोजक समिति द्वारा भगवान श्री कृष्ण को प्रिय पूरी, पँचमेला (कई प्रकार की सब्जियों का मिश्रण), बूंदी सहित अन्य स्वादिष्ट पकवान बनाए गए, जिनका भोग भगवान को लगाया गया.मंदिर कमिटी के अध्यक्ष बिमल बाजोरिया,सचिव प्रदीप सरायां तथा कोषाध्यक्ष ललित झुनझुनवाला ने बताया कि प्रातः से तैयारी में जुटे भक्तों द्वारा यह प्रसाद भगवान को भोग लगाई गई,ततपश्चात हजारों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किये.




इसी तरह, रानीगंज के बड़ा बाजार स्थित श्री बजरंगबली मंदिर में भी प्रातः काल से ही भक्तों द्वारा अन्नकूट उत्सव के लिए सब्जी और अन्य पकवान बनाने की तैयारियां करते हुए देखा गया. मंदिर के पुजारी जयप्रकाश पाठक ने बताया कि वर्षों से प्रत्येक वर्ष गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट का प्रसाद यहां पर भी पूरे श्रद्धा के साथ बनाया जाता है. इस बार भी तैयार प्रसाद भक्तों ने ग्रहण किया. उन्होंने बताया कि इस त्यौहार में शामिल होने के लिए यहां भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. भक्त सुलोचना देवी सह अन्य भक्त इस तैयारी में जुटी रही.





गौरतलब है कि दीपावली का त्यौहार पांच दिनों तक मनाया जाता है, जो धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज तक चलता है. गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्री कृष्ण की विशेष पूजा होती है, जहां गोबर से गोवर्धन पर्वत जैसा ढांचा तैयार कर पूजा की जाती है। इस दिन भगवान को छप्पन भोग का प्रसाद लगाया जाता है, जिसमें अन्नकूट का प्रसाद सबसे जरूरी माना जाता है. अन्नकूट एक खास तरह का प्रसाद है, जिसे कई तरह की मौसमी सब्जियां, पूरी और अन्य पकवानों को हल्के मसालों से बनाकर तैयार किया जाता है. भक्तों ने इस पावन अवसर पर मंदिरों में उपस्थित होकर भगवान का आशीर्वाद लिया और प्रसाद ग्रहण किया.

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