रानीगंज: ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के कुनुस्तोरिया क्षेत्र में प्रस्तावित "कंटिन्यूअस माइन" परियोजना के खिलाफ आदिवासी जनजाति समुदाय का गुस्सा फूट पड़ा.गुरुवार को, बांसड़ा आतो सोलहआना कमिटी के नेतृत्व में स्थानीय निवासियों ने बांसड़ा कोलियरी के एजेंट कार्यालय का घेराव कर जोरदार विरोध-प्रदर्शन किया. यह विरोध लगभग तीन घंटे तक चला, जिसके दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस प्रशासन और ईसीएल सुरक्षा रक्षकों की मौजूदगी में भी एजेंट के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
विरोध का मुख्य कारण यह है कि ईसीएल ने पहले ही इस क्षेत्र में एक ओसीपी शुरू की थी. स्थानीय लोगों का आरोप है कि खनन के बाद इन क्षेत्रों की ठीक से भराई नहीं की गई, जिसके कारण वे पहले से ही भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं. आदिवासी समुदाय का कहना है कि उनकी पूरी ग्राम संरचना और धार्मिक स्थलों को पहले ही नुकसान पहुँच चुका है, और अब बाँसड़ा आदिवासी मुहल्ला के समीप दोबारा "कंटिन्यूअस माइन" शुरू करने की योजना अत्यंत निराशाजनक है.
लिखित शिकायत के बावजूद कोई जवाब नहीं
करीब एक महीने पहले, आदिवासी संगठन बांसड़ा आतो सोलआना कमिटी ने खनन प्राधिकरण को लिखित रूप में शिकायत दी थी कि यह नई परियोजना पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव डालेगी, इसलिए इसे रोका जाए. आमरासोता ग्राम पंचायत की ओर से भी इस संबंध में एजेंट को आपत्ति दर्ज कराई गई थी.
हालांकि, इतने दिन बीत जाने के बाद भी कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला.इसी अनदेखी के कारण समुदाय ने दोबारा आंदोलन शुरू किया.
पुलिस हस्तक्षेप के बाद एजेंट का लिखित आश्वासन
जब प्रदर्शनकारी अपनी मांगें लेकर एजेंट के पास पहुँचे, तो एजेंट ने बहाने बनाने शुरू कर दिए, जिससे प्रदर्शनकारियों का गुस्सा भड़क उठा और स्थिति तनावपूर्ण हो गई. बाद में, पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुँचे और स्थिति को संभाला.
लगभग दो घंटे की लंबी बातचीत और बहस के बाद, पंजाबी मोड़ फांड़ी के आईसी के निर्देश पर एजेंट ने लिखित रूप में आश्वासन दिया कि इस गंभीर विषय को उच्च अधिकारियों तक पहुँचाया जाएगा और उचित कार्यवाही की मांग की जाएगी. इसके बाद ही प्रदर्शन शांत हुआ.
"किसी भी कीमत पर प्रोजेक्ट नहीं होने देंगे"
प्रदर्शनकारियों ने दृढ़ संकल्प दोहराया कि वे कभी भी अपने इलाके को प्रदूषण की चपेट में नहीं आने देंगे और पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा कि वे अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए हर परिस्थिति में दृढ़संकल्पित हैं.
इस बृहद् विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व नूनाराम हांसदा, रामचंद्र हेम्ब्रम, मंगल हेम्ब्रम, संजय हेम्ब्रम, सुजीत हेम्ब्रम, कांती मुर्मू और लक्ष्मीमय हांसदा ने किया.










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