'रानीगंज बचाओ मंच' का गठन: शहर के अस्तित्व की रक्षा के लिए नागरिक एकजुट


ईसीएल के ओसीपी विस्तार के विरोध में सड़कों पर उतरने की तैयारी; कानूनी लड़ाई और व्यापक जन-जागरूकता पर जोर

रानीगंज: रानीगंज चैंबर ऑफ कॉमर्स परिसर में गुरुवार की संध्या को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई, जिसमें 'रानीगंज बचाओ मंच' नामक एक नए नागरिक संगठन का औपचारिक गठन किया गया. इस मंच का प्राथमिक उद्देश्य ईसीएल द्वारा पश्चिमांचल महावीर कोलियरी क्षेत्र में किए जा रहे ओसीपी (ओपन कास्ट प्रोजेक्ट) विस्तार के खिलाफ आवाज़ उठाना और रानीगंज शहर के अस्तित्व की रक्षा करना है.


रानीगंज के नागरिकों को आशंका है कि देश को ऊर्जा आपूर्ति के नाम पर इस ऐतिहासिक शहर के अस्तित्व को सुनियोजित तरीके से समाप्त किया जा रहा है, जिसका सीधा असर यहां के जनजीवन पर पड़ेगा.


शहर को बचाने के लिए नागरिक एकजुट:

इस बैठक में रानीगंज के विभिन्न वर्गों के नागरिक, व्यवसायी और स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए. कई विशिष्ट हस्तियां उपस्थित थीं, जिनमें आरपी खेतान, डॉ एस के बासु, गौतम घटक, डॉ चैताली बसु, गोपाल आचार्य, प्रदीप बाजोरिया, अरूमय कुंडू, अरुण भारतीया, शरद कानोडिया, हरजीत सिंह, बलजीत सिंह बग्गा, एनडीएम सबनी, आरिज जलेश, महेश खेड़िया, डॉ एस के माजी, हर्ष खैतान, डॉ राजेश गुप्ता, अशोक अरोड़ा शामिल थे. इन सभी का मानना है कि कोल इंडिया, ईसीएल और केंद्र सरकार रानीगंज को खाली करवाना चाहते हैं, जिसमें परोक्ष रूप से राज्य सरकार भी सहयोग कर रही है.


अस्तित्व के संकट और प्रशासन से निराशा:

'रानीगंज बचाओ मंच' के जॉइंट कन्वीनर गौतम घटक ने कहा कि रानीगंज को खाली करवाने के लिए कई नोटिस आए हैं, लेकिन यह शहर यहां के लोगों की भावनाओं से जुड़ा हुआ है.उन्होंने कहा कि प्रशासन के हर स्तर पर गुहार लगाई गई—चाहे वह आसनसोल दुर्गापुर विकास प्राधिकरण हो या आसनसोल नगर निगम लेकिन कहीं से कोई सकारात्मक उत्तर नहीं मिला.


श्री घटक ने चेतावनी दी कि इस निराशा के चलते अब रानीगंज के लोगों ने सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने का निश्चय किया है. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो वे राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे रूट को भी अवरुद्ध करेंगे.हालांकि, ऐसा करने से पहले वे लोगों को खतरे के बारे में जागरूक करेंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि मंच गैर-राजनीतिक है.


जन-जागरूकता और कानूनी लड़ाई की रूपरेखा:

सुभाष स्वदेश भावना के अध्यक्ष गोपाल आचार्य ने आंदोलन की आगामी रूपरेखा के बारे में अपनी राय जाहिर करते हुए कहा किइस आंदोलन के तहत एक हैंडबिल जारी की गई है, जिसे रानीगंज के प्रत्येक वार्ड में लोगों तक पहुँचाया जाएगा.जन हस्ताक्षर करवाकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, कोल इंडिया, ईसीएल सहित विभागीय अधिकारियों तक भेजा जाएगा.रानीगंज की रक्षा के लिए जरूरत पड़ने पर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी मामले दर्ज किए जाएंगे.


बैठक में एक स्टीयरिंग कमेटी का गठन किया गया, जिसकी आगामी बैठक रविवार को होगी, जिसके बाद आंदोलन की विस्तृत रूपरेखा तैयार की जाएगी.

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