रानीगंज- रानीगंज के सी आर रोड स्थित स्वास्तिक मार्केट एक बड़े विवाद का केंद्र बन गया है, जहाँ मंगलवार को स्थानीय दुकानदारों ने मार्केट मालिक के रिश्तेदार पर मारपीट और गुंडागर्दी का गंभीर आरोप लगाया है. दुकानदारों की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी सौरभ नंदी को हिरासत में लिया है.
दुकानदारों के गंभीर आरोप
दुकानदार विकास बर्मन ने रानीगंज थाने में पहुँच कर आरोप लगाया कि सौरभ नंदी ने उनके साथ मारपीट की और उनकी दुकान में रखे सामान को नुकसान पहुँचाया, जिससे उन्हें लगभग ₹2 लाख का नुकसान हुआ है. एक अन्य दुकानदार, गौतम नंदन, ने सौरभ और उनकी माँ कृष्णा नंदी पर आरोप लगाते हुए बताया कि मंगलवार को सौरभ नंदी ने आकर उनकी दुकान का ताला तोड़ दिया और वहाँ अपना नया ताला लगा दिया. अन्य दुकानदारों ने बताया कि वे वर्षों से इस मार्केट में दुकानदारी कर रहे हैं.मार्केट के मालिक शांतनु दे का लगभग दो माह पूर्व निधन हो गया. अब, सौरभ नंदी खुद को मार्केट का मालिक बताकर किराएदारों पर नए एग्रीमेंट बनाने और किराया बढ़ाने का दबाव डाल रहे हैं, और मना करने पर मारपीट कर रहे हैं.
मार्केट प्रबंधन का पक्ष
मार्केट के स्वामित्व और संचालन के संबंध में अधिवक्ता कृष्णा नंदी जो शांतनु दे की बहन हैं का पक्ष पूरी तरह से अलग है. उन्होंने मामले पर अपनी बात रखते हुए कहा कि यह मार्केट उनके भाई शांतनु दे का है. अब, भाई की मृत्यु के बाद वह अपने बेटे सौरभ नंदी , बड़ी बहन और स्वर्गीय भाई की पत्नी के साथ मिलकर मार्केट का संचालन करेंगी.उनका कहना है कि जो किराया दुकानदार काफी पहले से दे रहे थे, उसे बढ़ाना होगा और नए एग्रीमेंट करने होंगे. कृष्णा नंदी ने आरोप लगाया कि मार्केट में उनकी एक अपनी दुकान थी जो लंबे समय से बंद थी और दुकानदार उसका भाड़ा भी नहीं दे रहे थे. उन्होंने कहा कि उन्होंने उस दुकान पर ताला लगाया था, लेकिन अब देखा जा रहा है कि किसी ने उस दुकान का ताला तोड़ दिया है. उन्होंने उलटा दुकानदारों पर ही उनके बेटे सौरभ नंदी की पिटाई करने और उनके साथ भी धक्का-मुक्की करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वह सिर्फ इतना चाहती हैं कि आपसी समझौते से दुकानों का किराया बढ़ाया जाए, लेकिन ताला तोड़ने के मामले में वह रानीगंज थाना आई हैं और जरूरत पड़ने पर कानून का सहारा लेंगी.
दुकानदारों की शिकायत पर रानीगंज पुलिस ने सौरभ नंदी को हिरासत में ले लिया है और मामले की जाँच की जा रही है.यह विवाद अब पूरी तरह से संपत्ति के स्वामित्व, किराया नियंत्रण और किराएदारों के अधिकारों के कानूनी दायरे में आ गया है.










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