बांग्लादेश सीमा पर बढ़ाई गई सुरक्षा, बीएसएफ हाई अलर्ट पर, चपे चपे की कर रहा हैं निगरानी



कोलकाता( पीबी टीवी )। बांग्लादेश में हिंसा की घटनाओं और प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद आए बदलाव के मद्देनजर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) भी पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय और त्रिपुरा में भारत-बांग्लादेश सीमा पर नागरिकों की आवाजाही पर बैन लगा दिया गया है और बॉर्डर पर जवानों की संख्या बढ़ा दी गई है। असम, मेघालय और त्रिपुरा सरकार ने सुरक्षा बलों और बांग्लादेश की सीमा से लगे जिलों को बांग्लादेश में हिंसा के किसी भी नतीजे से निपटने के लिए हाई अलर्ट पर रहने को कहा है। 

बीएसएफ, मेघालय फ्रंटियर ने मंगलवार को एक बयान में कहा, "अवैध प्रवेश और तस्करी गतिविधियों को रोकने के लिए पूरी सीमा पर व्यापक अभियान चल रहे हैं। किसी भी अप्रत्याशित परिस्थिति से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थिति पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। वरिष्ठ अधिकारियों और कमांडेंट को सीमा पर तैनात किया गया है और उन्हें मिशन मोड पर रहने का निर्देश दिया गया है।" बंगाल, असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम बांग्लादेश के साथ 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है। 

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद छोड़ने और सोमवार को सेना के सत्ता संभालने के बाद सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। इससे नॉर्थ-ईस्ट में घुसपैठ का डर पैदा हो गया, जैसा कि 2021 में म्यांमार में सेना द्वारा शासन संभालने के बाद इस क्षेत्र में देखा गया था। म्यांमार के सांसदों और मंत्रियों सहित 35,000 से अधिक "शरणार्थी" और "लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारी" मिजोरम में शरण ले रहे हैं। ये लोग म्यांमार में आंग सान सू की के नेतृत्व वाली निर्वाचित सरकार को सेना द्वारा गिराए जाने के बाद भारत में दाखिल हुए थे। पूर्वोत्तर में स्वदेशी समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले कई संगठनों ने सोमवार को केंद्र से घुसपैठ को रोकने का आग्रह किया क्योंकि 1971 से घुसपैठ पहले से ही उनकी पहचान और संस्कृति के लिए खतरा बन गई है। गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को बांग्लादेश से घुसपैठ को रोकने का आश्वासन भी दिया।

बंगाल और असम में सीमा के 409 किलोमीटर लंबे हिस्से की रक्षा करने वाले बीएसएफ के गुवाहाटी फ्रंटियर ने कहा कि 11 बटालियन और एक जल विंग इस हिस्से की रखवाली कर रही है और सभी को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इसमें कहा गया है, "सभी भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों पर निगरानी भी बढ़ा दी गई है।" इसमें आगे कहा गया है, "वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करने के लिए खुफिया अभियान बढ़ा दिए गए हैं, ताकि किसी भी उभरते खतरे की तुरंत पहचान की जा सके और उसे बेअसर किया जा सके।" त्रिपुरा के सीएम माणिक साहा और असम के उनके समकक्ष हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को स्थिति और सीमा पर किए गए सुरक्षा इंतजामों का जायजा लेने के लिए अलग-अलग बैठकें कीं।

सीमा सुरक्षा बल के साथ-साथ भारत के सीमावर्ती पुलिस स्टेशनों की पुलिस बल बढ़ा दी गई है ताकि कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की लापरवाही के बिना भारत में प्रवेश न कर सके।

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