आसनसोल : आसनसोल के सेनरेले रोड पर स्थित ईएसआई अस्पताल में सोमवार की सुबह एक मरीज की मौत होने के बाद परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर अस्पताल परिसर में जमकर बवाल मचाया तथा तोड़फोड़ भी की। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने आसनसोल उत्तर थाना पुलिस को खबर की। पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर परिजनों को समझा-बुझाकर स्थिति को नियंत्रित किया इस दौरान मृतक का भतीजा गोपीनाथ घोष ने बताया कि उनके चाचा संतोष मंडल को शनिवार को सीने में दर्द की समस्या को लेकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रविवार शाम चिकित्सकों के अनुसार संतोष ठीक थे परंतु देर शाम होते ही हमें बताया गया कि संतोष मंडल की मृत्यु हो गई। यदि उनकी स्थिति खराब थी चिकित्सकों ने उनके बेहतर इलाज के लिए किसी भी बड़े अस्पताल में रेफर कर सकते थे। परंतु चिकित्सकों ने ऐसा नहीं किया। गलत चिकित्सा होने की वजह से अचानक उनकी मृत्यु हो गई। मृत्यु होने पर उसके लड़का जब अस्पताल के अंदर गया तो एक पुलिस अधिकारी ने उसे धक्का देकर बाहर कर दिया। इसका हमलोग पुरजोर विरोध करते हैं। वही तृणमूल युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव विश्वजीत चटर्जी भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पुलिस की भूमिका पर आक्रोश जताते हुए कहा कि सीने की समस्या को लेकर 16 नंबर वार्ड के लक्ष्मण पुर निवासी संतोष मंडल को शनिवार को भर्ती कराया गया था। स्थिति अच्छे रहने के बावजूद भी अचानक उनकी मृत्यु हो गई। इससे उनके परिजनों में आक्रोश होना स्वभाविक है। यहां सिर्फ एक दरवाजा का कांच टूटा है। इससे ज्यादा कुछ नहीं हुआ है। लेकिन पुलिस ने जिस तरह से व्यवहार किया। वह गलत है। राज्य में मां माटी मानुष की सरकार है। पुलिस की भूमिका गलत है। इसे तृणमूल कांग्रेस कभी बर्दाश्त नहीं करेगी। वहीं दूसरी ओर इस संबंध में ईएसआई अस्पताल के अधीक्षक डॉ अतनु भद्र ने कहा कि मरीज का पहले बाईपास सर्जरी हुआ था। यहां हार्ट अटैक होने से मरीज की अचानक मृत्यु हो गई। इलाज में कोई लापरवाही नहीं की गई है। यह आरोप बेबुनियाद है। घटना के बाद कुछ लोगों ने आकर अस्पताल में तोड़फोड़ की जो कि गलत है। यहां के डॉक्टर मरीज का बेहतर इलाज करते हैं मरीज के गंभीर होने पर उन्हें बचाने की कोशिश करते हैं या उन्हें बड़े अस्पताल में रेफर करते हैं। इस मरीज की मौत हृदय गति रुकने से अचानक ही हुई इसमें डॉक्टरों का कोई दोष नहीं है।









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