रानीगंज- कोलकाता पिंजरापोल अंतर्गत चलने वाली रानीगंज गौशाला रानीगंज के हथिया तालाब में अवस्तिथ है , जहां लगभग 400 गौवंश है.इन गौवंशो में दूध देने वाले गायों की संख्या 77 है, जबकि 16 गर्भवती गाय है. 139 सेवा की गाय है, 26 दूध पीने वाले बाछी एवं 34 दूध पीने वाला बाछा है जबकि 26 नंदी एवं 40 बड़ी बाछी है. इन गोवंश की सेवा रानीगंज गौशाला के 25 एक्टिव सदस्य कर रहे हैं,जबकि सदस्यो की संख्या 800 है. रानीगंज गौशाला में एक कामधेनु गाय भी है, जो इस गौशाला की बहुत बड़ी विशेषता है.संस्था के सदस्य रोजाना लगभग 3 क्विनटल अपने हाथों से रोजाना प्रातः गायों के लिए दलिया तैयार करते हैं .इतने बडे गौशाला में साफ सफाई की इतनी अधिक ध्यान रखी जाती है कि गौवंशो के सैकड़ो की संख्या होने के बावजूद उनके गोबर तथा मूत्र की एक जरा दुर्गंध नहीं मिलती है.
गौशाला कमेटी के सचिव विमल लोहिया ने रानीगंज गौशाला के विकास कार्यों की जानकारी देते हुए कहा की शहर तथा आसपास के अंचल में गायों को देख कर मन मर्माहित हो उठता है. इस बात को ध्यान में रखकर गौशाला प्रांगण में चिकित्सालय बनाया जा रहा है जिसका निर्माण कार्य शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा. अध्यक्ष ललित खेतान ने बताया गोवंश की बढ़ती संख्या को देखते हुए नई गोचर भूमि की खरीदने की योजना बनाई गई है, आने वाला वर्ष में रानीगंज की गौशाला की द्वितीय इकाई का कार्य शुरू करने में सम्भवत हम सफल हो पाएंगे. उन्होंने बताया कि यह गौशाला गो प्रेमियों के दान से संचालन हो रही है एवं एवं गौ माता की कृपा से गौशाला का परिचालन में कभी भी आर्थिक कमी नहीं आई है . इस गौशाला का और अधिक किस प्रकार विकास हो इसके लिए संस्था के सभी सदस्य सदैव प्रयत्नशील रहते हैं .









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