बांकुड़ा-रेल पथ बांकुड़ा के जंगल वासियों के लिए एक संपदा है, किंतु जमीन अधिग्रहण नहीं होने के कारण रेल पथ का काम आगे नहीं बढ़ रहा है. ऐसा ही कहना है केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार का .सोमवार को केंद्रीय मंत्री द्वारा छातना मुकुट मणिपुर रेल पथ इलाके का जायजा लेने पहुंचे, जहां जमीन अधिग्रहण की समस्या से अवगत हुए . जमीन अधिग्रहण नहीं होने के कारण रेल पथ निर्माण कार्य में रुकावट आ रही है. मौके पर डॉ सरकार का कहना जहां तक मिट्टी पड़ी हुई थी, वहां तक जाकर देखा एवं कुछ लोगों से बातचीत भी हुई इलाके के लोगो से बातचीत करके पता चला कि जिन्होंने वहां काम भी किया है. लेकिन पैसा नहीं देने के कारण जमीन नहीं थी .डाक्टर सरकार ने बताया कि छातना मुकुट मणिपुर रेल पथ के लिए 800.45एकड़ जमीन की जरूरत है जहां पर अब तक 517.02 एक और जमीन अधिग्रहण किया जा सका मंत्री का मानना की छातना मुकुट मणिपुर रेतपथ के होने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. इसे बाद में टाटा के साथ कनेक्टिंग भी किया जा सकेगा बांकुड़ में कई टूरिस्ट स्पॉट है सुसुनिया पहाड़ से लेकर बिहारी नाथ एवं पुरूलिया के जयचंडी पहाड़ ,अयोध्या पहाड़ के माध्यम से टूरिस्ट सर्किट का निर्माण हो सकेगा एवं रोजगार के साधन उपलब्ध हो सकेंगे. अब मुझे उम्मीद है कि बांकुड़ा के लोग राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन के निकट जमीन देने के लिए पत्र जरूर देखें एवं माननीय मुख्यमंत्री के निकट मेरा अनुरोध है, की बांकुड़ा वासियों के लिए जमीन अधिग्रहण करवा दें.









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