रानीगंज-मोहम्मद साहब के जन्मदिन को ईद मिलाद उन-नबी के रूप में मनाया जाता है. इस मौके पर शहरों में जुलूस का आयोजन किया जाता हैं. पर कोरोना के कारण बीते दो वर्षों से जुलुश नहीं निकाली जा रही है.इस दिन घरों व मस्जिद को सजाया जाता है, साथ ही मोहम्मद साहब के संदेशों को पढ़ा जाता है. इस दिन गरीबों को दान देने की मान्यता है, माना जाता है कि ईद मिलाद उन-नबी के दिन दान करने से अल्लाह खुश होते हैं. रानीगंज शहर में भी मंगलवार को ईद मिलादुन्नबी का त्यौहार धूमधाम के साथ मनाया गया. इस दौरान कई इलाकों में लंगर खिलाए गए तो कहीं शरबत बांटी गयी.रानीगंज के राजाबांध स्थित बड़ी मस्जिद के इमाम मौलाना मुजफ्फर हुसैन रिजवी साहब ने ईद मिलादुन्नबी के पवित्र दिन के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा की इसी दिन मुस्लिम धर्म के संस्थापक हजरत मोहम्मद साहब का जन्म हुआ था. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, इस्लाम के तीसरे महीने यानी रबी-अल-अव्वल की 12वीं तारीख 571ई में पैंगबर साहब का जन्म हुआ था. वहीं, रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन ही मोहम्मद साहब का निधन हुआ था.हजरत मोहम्मद साहब का कहना था कि सबसे नेक इंसान वही है, जिसमें मानवता होती है. इसके अलावा उन्होंने कहा था कि जो ज्ञान का आदर करता है, वह मेरा सम्मान करता है. हजरत मोहम्मद की शिक्षा के मुताबिक,भूखे को खाना दो, बीमार की देखभाल करो, अगर कोई गलती से बंदी बनाया गया है ,तो उसे मुक्त करो, परेशानी में हर इंसान की मदद करो, भले ही वह मुसलमान हो या गैर मुस्लिम. आज के इस कार्यक्रम पर शहजादा अंसारी, मास्टर शाहिद हुसैन, फिरोज अशरफी सहित कई लोग मौजूद थे









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