टीडीबी कॉलेज में संथाली भाषा में स्नातक स्तर पर पढ़ाई करने के मांग को लेकर गवर्निंग बॉडी के साथ आदिवासी संगठन की बैठक ,नतीजा रहा सिफर






रानीगंज-रानीगंज के त्रिवेणी देवी भालोटिया कॉलेज में संथाली भाषा में स्नातक स्तर पर पढ़ाई करने के मांग को लेकर आदिवासी समाज के लोग कॉलेज के सामने दूसरे दिन भी प्रदर्शन जारी रहा. उनकी मांग है कि जब तक इस कॉलेज में संथाली भाषा और अलचीकी लिपि में स्नातक स्तर पर पढ़ाई शुरू नहीं होते इनका आंदोलन जारी रहेगा. मंगलवार को कॉलेज के गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष और रानीगंज के विधायक तापस बनर्जी के अध्यक्षता में आदिवासी संगठन आदिवासी दिशम गावंता और फाइट फ़ॉर मदर टँग के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक हुई.यह बैठक करीब चार घंटो तक चली. जहां कॉलेज के गर्वनिंग बॉडी के अध्यक्ष विधायक तापस बनर्जी, कॉलेज के भार प्राप्त प्राचार्य मोबिनुल हक, संगठन आदिवासी संगठन के भुवन मंडी,दिलीप सोरेन, शेलमन मंडी, सुकु मुर्मू, सीमा मंडी, गीता सोरेन, त्रिवेणी देवी भालोटीया कॉलेज के शिक्षक पार्सल किस्कु, पंकज सोरेन तथा गवर्निंग बॉडी के अन्य सदस्य, भुंइया उत्थान समिति के अध्यक्ष सिंटू भुंइया, बीरु रजक आदि उपस्थित थे. बैठक से यह फैसला हुआ कि एक रेजोल्यूशन उच्च शिक्षा विभाग को भेजा जाएगा जिसके तहत उनसे अनुरोध किया जाएगा कि सेल्फ फाइनेंस के तहत कॉलेज में संथाली भाषा में पढ़ाई शुरू की जाए. इस मैराथन बैठक के गवर्निंग बॉडी के तापस बनर्जी ने कहा कि यह बड़े हैरानी की बात है कि कॉलेज में संथाली भाषा की स्नातक स्तर की पढ़ाई शुरू करने के लिए इससे पहले जो रेजोल्यूशन लिया गया था और तीन शिक्षक के लिए इंटरव्यू ली गई थी,परन्तु वह गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष की जानकारी के बिना लिया गया था. उच्च शिक्षा दफ्तर को जो रेजोल्यूशन भेजा गया था ,उसमें गर्वनिंग बॉडी के अध्यक्ष के नाते उनके हस्ताक्षर भी नहीं थे. जबकि यह नियम है कि जब भी गवर्निंग बॉडी की तरफ से कोई रेजोल्यूशन लिया जाता है ,उस पर गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष के हस्ताक्षर होना जरूरी है उन्होंने कहा कि आज सभी की मौजूदगी में उच्च शिक्षा दफ्तर को ई मेल और व्हाट्सएप किया गया इसके जरिए उनसे अनुरोध किया गया कि कॉलेज में संथाली भाषा में स्नातक स्तर की पढ़ाई शुरू की जाए और यह सेल्फ फाइनेंस के तहत किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके बाद वहां से जवाब आएगा और उसके बाद ही इस शिक्षा वर्ष से यह पढ़ाई शुरू करने की कोशिश की जाएगी .उन्होंने कहा कि आज जो ईमेल भेजा गया उसमें यही अनुरोध किया गया है कि इस शिक्षा वर्ष से यह पढ़ाई शुरू कराई जा सके हालांकि जब उनसे पूछा गया कि बिना गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष की जानकारी के ऐसा रेजोल्यूशन बनाया क्यों गया और उसे भेजा क्यों गया इस पर तापस बनर्जी ने कहा कि इसका जवाब उनके पास नहीं है, जिन्होंने यह किया था वह अब कॉलेज में नहीं है, जबकि कॉलेज सूत्रों के अनुसार बीते जनवरी 2023 में जिस नई गवर्निंग बॉडी का गठन हुआ था,उसमे जिन सदस्यों को शामिल किया गया था,उनमें से कुछ सदस्य कमिटी के अध्यक्ष को व्यक्तिगत रूप से पसन्द नहीं था ,जिसके कारण कई माह तक गवर्निंग बॉडी की मीटिंग ही नहीं हुई थी,जबकि इस अवधि के भीतर जून 2023 में मीटिंग कर यह रेजुलेशन लिया गया था,जिसके कारण यह प्रक्रिया सम्भव नहीं हो पाई.अब जब पुराने प्राचार्य के सेवानिवृत्त होने तथा नए भार प्राप्त प्राचार्य के पद भार लेने तथा आदिवासी संगठन के प्रदर्शन के पश्चात यह निर्णय लिया गया. हालांकि मंगलवार को गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष ने कहा कि आज सब की मौजूदगी में यह सारी प्रक्रिया हुई और उनको आशा है कि अब समस्या का समाधान निकल जाएगा .वही इस बारे में दलित नेता सिंटू भुंईया से बात की उन्होंने कहा कि आज की बैठक काफी सकारात्मक रही. आज की बैठक में विधायक और गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष ने सबके सामने कोलकाता में उच्च शिक्षा दफ्तर के अधिकारियों से बात की और सेल्फ फाइनेंस के तहत यहां पर संथाली भाषा मैं स्नातक स्तर की पढ़ाई शुरू करने के लिए अनुरोध किया उन्होंने कहा कि यह अफसोस की बात है कि दलित समाज के बच्चों को पढ़ने के अधिकार से वंचित रखा जा रहा था .हालांकि उन्होंने इस बात पर खुशी जताया कि आज की बैठक में काफी सकारात्मक बातें हुई और उनको पूरी आशा है कि अब आदिवासी समाज के बच्चों की मांग पूरी हो जाएगी. वह इस बारे में आदिवासी नेता भुवन मांडी से बात की तो उन्होंने कहा कि आज की बैठक काफी सकारात्मक रही. 28 तारीख को जब वह लोग यहां पर ज्ञापन देने आए थे तब उनके साथ जिस तरह का आचरण किया गया था उसके तुलना में आज उनसे काफी अच्छे से पेश आया गया .उन्होंने कहा कि कॉलेज के गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष ने स्वीकार किया कि उनकी जानकारी के बिना यहां पर रेजोल्यूशन लिया गया था जो कि सरासर गलत तथा आशचर्य का विषय है .उन्होंने कहा कि 7 तारीख को सारे एडमिशन के पोर्टल बंद हो चुके हैं ऐसे में इस शिक्षा वर्ष में अगर संथाली भाषा में स्नातक स्तर पर भर्ती करने भी है तो उसके लिए छात्र कहां से आएंगे. आज की बैठक में जब उन लोगों से पूछा गया कि अगर इस शिक्षा वर्ष से संथाली भाषा में स्नातक स्तर की पढ़ाई शुरू हो जाती है तो क्या वह छात्रों को ला सकेंगे इस पर उन्होंने कहा कि क्योंकि 7 तारीख तक सारे ऐडमिशन पोर्टल बंद हो गए हैं .ऐसे में कोई भी छात्र इंतजार नहीं कर रहा होगा लेकिन अगर इस शिक्षा वर्ष से यहां पर स्नातक स्तर में संथाली भाषा में पाठ्यक्रम शुरू होता है तो वह कोशिश करेंगे कि विद्यार्थियों को ला सकें. वही उन्होंने कहा कि सेल्फ फाइनेंस के तहत कॉलेज में संथाली भाषा का शिक्षा प्रदान करने के बात को वह लोग विरोध करते हैं, क्योंकि आदिवासी समुदाय के लोग काफी गरीब होते हैं एवं उनके पास वह पैसे उपलब्ध नहीं हो पाएंगे, जिसे वह अपने बच्चों को यहां पढ़ सके. ऐसी स्थिति में जब तक यहां पर पूर्ण रूप से संथाली भाषा के पढाई का उच्च शिक्षा विभाग से अनुमोदन नहीं आती है, तब तक उनका यह प्रदर्शन जारी रहेगी एवं यह प्रदर्शन अभी तो सिर्फ कॉलेज के मुख्य द्वार के सामने ही की जा रही है जरूरत पड़ने पर आंदोलन व्यापक रूप से की जाएगी.

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

 रेड लाइट एरिया लच्छीपुर में अय्याशी पड़ी भारी, मारपीट कर रुपये छीनने का आरोप
 पश्चिम बंग प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन की महासभा को लेकर उठा विवाद: आरोपों-प्रत्यारोपों का दौर
 रानीगंज में किन्नरों का प्रदर्शन कर सड़क अवरोध किया, एक व्यक्ति पर मारपीट और छीनाझपटी का आरोप
 रानीगंज पुलिस ने मंगलपुर स्तिथ होटल से 10 लाख रुपयों सहित 7 जुआरियों को गिरफ्तार किया
 प्रयागराज महाकुंभ भगदड़: जामुड़िया के 42 वर्षीय बिनोद रूईदास का शव लेकर पहुंची यूपी पुलिस
 रानीगंज के व्यापारी युवक के अपहरण का ड्रामा, पति स्वयं भाग गया था घर से
 रानीगंज में फाल्गुन एकादशी पर भव्य श्री श्याम निशान यात्रा, हजारों भक्तों ने लगाई हाजिरी,गूंज उठा जय श्री श्याम से
 रानीगंज की बदहाल सड़कों का कायाकल्प शुरू, लोगों में खुशी की लहर,शहर के 4 रास्तों की होगी पक्कीकरण
 गोपाष्टमी के अवसर पर रानीगंज में विशाल शोभायात्रा और मेला: गौशाला ने जारी किया डिजिटल स्मारिका
 रानीगंज के श्री श्री सीताराम मंदिर में उमड़ा भक्ति का सैलाब, लड्डू गोपाल संग खेली गई मनमोहक फूलों की होली