रानीगंज-सैदेव जुझारू नेता के रूप में जाने -जाने वाले कोयलांचल के जनप्रिय नेता कंचन तिवारी का निधन सोमवार की रात लगभग साढ़े 8 बजे हो गई .वह पश्चिम बंगाल प्रदेश तृणामूल कांग्रेस कमिटी के सदस्य सह रानीगंज शहर तृणमूल कांग्रेस कमिटी के पूर्व अध्यक्ष एवं आसनसोल नगर निगम के पूर्व पार्षद थे. कंचन तिवारी काफी समय से अस्वस्थ चल रहे थे,सोमबार की शाम वह अपने निवास स्थान के बाथरूम में फिसल कर गिर गए थे,उन्हें इलाज के लिए रानीगंज के रॉयल केअर अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया,उनकी उम्र 66 थी .वह अपने पीछे 5 भाई तथा 3 बहने सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए,हालांकि वह स्वंय अविवाहित थे.
कंचन तिवारी लोग उन्हें कंचन दा ही कहते थे. उनका राजनीतिक कैरियर छात्र नेता के रूप में हुआ था , रानीगंज टीडीबी कॉलेज में छात्र परिषद सदस्य के रूप में राजनेतिक जीवन आरंभ किया था,वह कांग्रेस के सक्रिय ततपश्चात ममता बनर्जी के आदर्शो से प्रेरीत हो कर तृणमूल कांग्रेस का दामन थामा,जो अंतिम समय तक उनका साथ रहा, बेबाक बोलने वाले कंचन तिवारी निडर नेता के रूप में जाने जाते थे,वह एक अच्छे वक्ता माने जाते थे. और हमेशा सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में पार्टी का कार्य करते रहेऔर प्रदेश तृणमूल कांग्रेस कमेटी के सदस्य बने. कंचन तिवारी पांच वर्षों के लिए रानीगंज के 36 नम्बर वार्ड के पार्षद भी रहे. उनके निधन की खबर पाकर तृणमूल कांग्रेस जिलाध्यक्ष नरेंद्र चक्रवर्ती, रानीगंज ब्लॉक्र् टाउन टीएमसी अध्यक्ष रूपेश यादव , आलोक बोस,एम एमआई सी दिवेन्दु भगत, सुब्रतो अधिकारी,अभिजित घटक, बबिता दास,अधिवक्ता सायन्तन मुखर्जी,सदन सिंह ,बापी चक्रवर्ती सहित काफी संख्या में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता एवं समर्थक रॉयल केअर अस्पताल पहुंचे,सभी ने लगभग एक स्वर में कहा कि उनकी कमी कभी पूरी नही की जा सकती है,वह तृणमूल कांग्रेस के कोयलांचल-शिल्पांचल के तृणमूल कांग्रेस के स्तम्भ माने जाते थे.
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