रानीगंज- लगभग 80 साल प्राचीन कोलकाता पिंजरापोल सोसाइटी के अंतर्गत चलने वाली रानीगंज गौशाला के प्रबंधकीय समिति का निर्वाचन पश्चिम बर्दवान लोकसभा निर्वाचन के पश्चात 16 मई को संपन्न होने वाली थी. इसके लिए नामांकन जमा देने की अंतिम तिथि 2 मई को थी जबकि नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 6 मई को थी, निर्वाचन के मुख्य आयुक्त राजीव जैन ने बताया की कुल 31 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र जमा दिया था जिन में 12 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया 19 सीटों के लिए चुनाव होनी थी. परंतु कोई प्रतिद्वंदता न होने के कारण निर्वाचन नहीं होगी .
इन 19 प्रत्याशियों में अमित शराफ़, विकास चौधरी ,विकास सतनालीका( कैटरर), विनोद बंसल दीपक जालान, दीपक कालोटिया ,गोपाल खेड़िया, गौतम शराफ़, ललित झुनझुनवाला, मनोज बोगी, पवन बाजोरिया, प्रभात सरावगी(गोपाल) , प्रदीप गोयल ,राकेश चौधरी, रवि शंकर क्याल, रितेश खेतान, सरवन कानोडिया, सुमित क्याल, विकास सतनालिका(अपना स्कूप ) है
दूसरी ओर निर्वाचन ना होने को लेकर रानीगंज गौशाला के अध्यक्ष ललित खेतान ने बताया कि संस्था के सदस्यों पुनः एक बार पुरानी कमेटी पर विश्वास जताते हुए कार्य करने का मौका दिया है .उनके विश्वास की कसौटी पर खड़ा उतरें, यही हम लोगों का प्रयास रहेगी. उन्होंने बताया की निर्वाचन ना होने से एक समाज में एकबद्ध होने की अच्छी पैगाम तो जाती ही है वहीं संस्था का अर्थ की भी बचत होती है. उन्होंने बताया कि रानीगंज गौशाला संस्था के सदस्यों के सहयोग से निरंतर प्रगति कर रही है एवं यह धारावाहिकता बनी रहनी चाहिए. ज्ञात रहे कि 5 वर्षो के पश्चात 2 वर्षो के कार्यकाल के लिए चुनाव होनी थी. निर्वाचन में कुल 778 मतदाता 19 उम्मीदवारों को अपना मत देकर उन्हें निर्वाचित करना था. , गौशाला संविधान के अनुसार 25 सदस्य कमेटी गठित होनी थी. यह कमेटी 2 साल के लिए होती है, एवं इस कमेटी में 19 जीते हुए प्रत्याशी के साथ-साथ दो एक्सऑफिस्यो अध्यक्ष एवं सचिव के अलावा चार सदस्यों की कोऑप्शन की जाती है.. रानीगंज गौशाला के वर्तमान अध्यक्ष ललित खेतान ने बताया कि रानीगंज गौशाला कोलकाता पिंजरापोल सोसाइटी अंतर्गत संचालित है .वर्तमान में इसमें 362 गोवंश है 2018- 20 के पश्चात 2 वर्ष कोरोना काल के लिए निर्वाचन नहीं हो पाई ,वहीं 1 वर्ष किसी कारणों से निर्वाचन संपन्न हो नहीं हो पाई थी. 5 वर्षों के पश्चात इस वर्ष लोकतांत्रिक प्रक्रिया से निर्वाचन संपन्न होनी थी. पर संस्था के सदस्यों ने पुनः एक बार गो वंशो का सेवा करने का मौका प्रदान किया.
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