जामुड़िया - जामुड़िया इलाके के बोगड़ा के जोबा माझी पाड़ा तिलका मांझी आदिवासी प्राथमिक विद्यालय के स्ट्रीट मास्टर के नाम से मशहूर शिक्षक दीप नारायण नायक ने शनिवार को जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से हाथ मिलाकर दुनिया के सामने यह संदेश पहुंचाने की कोशिश की कि 'जैव विविधता का संरक्षण' के माध्यम से 'मुझे युद्ध नहीं शांति चाहिए' का संदेश दुनिया में जाए. उन्होंने कहा कि आज सभी इस बात से चिंतित है कि मौजूदा युद्ध की स्थिति में यूक्रेन में कितने लोग मर रहे हैं. दुनिया यह नहीं सोच रही है कि इस भयानक युद्ध में कितने 'जानवर' मर रहे हैं. इसके आलावे कई जंगलों की आग, जैसे कि अमेज़ॅन जंगल आग की लपटों में घिरी हुई है.पेड़ लगाने के माध्यम से प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए समुदाय में कुछ कार्य देखे गए हैं. हजारों प्रजाति के 'जानवरों' के बारे में समाज जागरूकता नहीं है. हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए पेड़ के साथ-साथ जानवरों और पक्षियों के योगदान को नकारा नहीं जा सकता है. पश्चिम बर्दवान जिले के नीलपुर माझीपारा में, उन्होंने अपने आदिवासी छात्रों और उनके माता-पिता के बीच पशु प्रेमियों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए 'एनिमल्स एंड बीस्ट्स अराउंड अस' नामक एक कार्यक्रम का आयोजन भी किया. आदिवासी समाज के लोग नाटक, पाठ, चित्र और भाषण के माध्यम से जानवरों के प्रेम से प्रेरित होकर समाज को जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण में जानवरों के योगदान के बारे में जागरूक किया.इस कार्यक्रम में कई अज्ञात जानवरों और पक्षियों के बारे में जानकर छात्र और अभिभावक बहुत खुश हुए.
छात्र राज ओरांग,रानी सरन, शिउली मुर्मू ने कहा कि आज हमलोगों ने कई अज्ञात जीवों के बारे में जाना है, नया ज्ञान प्राप्त हुआ है. इस अवसर पर जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के वैज्ञानिक डॉ. राजमोहन ने स्ट्रीट मास्टर के कार्यो की सराहना की. एक अन्य वैज्ञानिक डॉ. कौशिक देउती ने स्ट्रीट मास्टर दीप नारायण नायक द्वारा मिट्टी की दीवार को ब्लैकबोर्ड में बदलकर छात्रों को पढ़ाने का एक अभूतपूर्व कार्य बताया.
इस अवसर पर छात्रों को नए बैग, ड्राइंग नोटबुक, रंगीन पेंसिल और पौष्टिक दोपहर का भोजन सहित अन्य शैक्षिक सामग्री सौंपी गई. जिसे पाकर छात्र-छात्राएं काफी खुश हुए.










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