आसनसोल : पश्चिम बंगाल सरकार राज्य में उद्योगों खासकर लघु उद्योगों को बढ़ावा देने को लेकर काफी लचीला रुख अपना रही है। सरकार कई नियमों में छूट भी देने की योजना बनाई है। ताकि अन्य राज्यों के उद्योगपति इससे राज्य में आकर अपना उद्योग लगाएं। इसी उद्देश्य से कुछ दिनों बाद दुर्गापुर में एक वृहद बैठक का आयोजन किया जाएगा। जिसमें पुरुलिया, बांकुड़ा, बीरभूम, पूर्व वर्धमान, पश्चिम बर्दवान के चेंबर प्रतिनिधि भाग लेंगे। इस बैठक के पृष्ठभूमि में गुरुवार को पश्चिम बर्दवान जिला के जिला शासक अरुण प्रसाद ने जिला शासक कार्यालय में पश्चिम बर्दवान जिला के विभिन्न चेंबर प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की। जिसमें उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। जिसमें जमीन म्यूटेशन को लेकर विशेष फोकस किया गया। बैठक में जानकारी देते हुए जिला शासक अरुण प्रसाद ने कहा कि अब जमीन का म्यूटेशन ऑनलाइन कर दिया गया है। इसलिए उन्होंने सभी चैंबर्स के प्रतिनिधियों से अपील किया कि वे लोग ऑफलाइन म्यूटेशन ना कराकर ऑनलाइन म्यूटेशन करवाएं। इसकी विस्तृत जानकारी अतिरिक्त जिला शासक सामान्य डॉ अभिजीत शेवाले ने दी। बैठक के बाद फॉस्बैकी के अध्यक्ष आरपी खेतान ने कहा कि जिला शासक में आज विभिन्न चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की। जिसमें उद्योगों को बढ़ावा देने को लेकर चर्चा की गई। साथ ही जमीन म्यूटेशन ऑनलाइन करने की जानकारी दी गई। जबकि फॉस्बैकी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष अग्रवाल ने कहा कि जिला शासक ने आज जिला में उद्योगों को बढ़ावा देने एवं जमीन म्यूटेशन को लेकर एक बैठक बुलाई थी। जिसमें जमीन म्यूटेशन को लेकर चर्चा की गई। लेकिन इस राज्य में उद्योग का बढ़ावा कैसे होगा। यहां लघु एवं सूक्ष्म उद्योग के लिए कोई नीति ही नहीं है। जो वेस्टेड जमीन है। उसकी क्या पॉलिसी होगी। उसके कारण कई उद्योग बाधित हैं। इसके अलावा पश्चिम बर्दवान जिले में कई जगहों पर सरकारी वैल्यूएशन काफी ज्यादा है। जबकि बाजार भाव में उस जमीन का कीमत बहुत कम है। वही सरकारी वैल्यूएशन उसका 4 गुना है। यदि कोई उद्योगपति रजिस्ट्री फी दे भी देता है। तो आयकर विभाग उस पार जुर्माना लगा देती है। जिसके कारण उद्योगपति जमीन नहीं खरीद पाते हैं। इसको सही करने के लिए प्रशासन से कहा गया तो प्रशासनिक अधिकारी कहते हैं कि उस जगह के आसपास जिलों का वैल्यूएशन लेकर आइए। यदि सभी काम उद्योगपति करेंगे तो अधिकारी क्या करेंगे और उद्योगपति यह कार्य करने क्यों जाएं। क्योंकि वह बंगाल में अपना उद्योग न लगाकर किसी अन्य राज्य में उद्योग लगाएंगे और कमाएंगे। इससे हानि बंगाल सरकार को होगी। इसलिए इसको सही करने का कार्य बंगाल सरकार और उनके अधिकारियों के हैं। बंगाल सरकार को उद्योगों के लिए अपनी स्पष्ट नीति बनानी होगी तभी यहां उद्योगपति आएंगे।









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