रानीगंज : जेके नगर के बेलियाबथान गांव के आदिवासी पाड़ा में शनिवार को भूधसान के बाद रविवार को दरार क्षेत्र बढ़ने से इलाके के लोगों में दहशत बढ़ गया है. जिसके बाद स्थानीय गांववासियों ने पंचायत को इसकी जानकारी दी. धसान को लेकर आदिवासी नेता रमेश टूडू ने कहा कि कुछ महीने पहले यहां हल्की धसान की घटना हुई थी ,अब एक बड़ा क्षेत्र धसान से प्रभावित हुआ है. इलाके के लोग आतंकित है. अभी तक प्रशासनिक रूप से कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है.ईसीएल प्रबंधन भी इस पर कुछ नहीं कर रहा है. कई इलाकों में धसान की घटना होने के बाद तुरंत वहां प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जाती है परंतु हम लोग आदिवासी होने के कारण हमारी सुध कोई नहीं ले रहा है. ग्राम वासी आतंकित है, कि कब कौन सा इलाका धसान से भूमि में समा जाए. इसे लेकर सोमवार की सुबह जिला परिषद की सभाधिपति सुभद्रा बाउरी, रानीगंज पंचायत समिति के अध्यक्ष बिनोद नोनिया सहित जेमेरी ग्राम पंचायत के सदस्यों ने धसान प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया. इस विषय को लेकेर उन्होंने क्षेत्र के निवासियों से बात की और ईसीएल अधिकारियों से मांग की कि इस क्षेत्र को तुरंत खाली कर यहां के निवासियों को वैकल्पिक व्यवस्था दी जाए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का निर्देश है कि विशेषकर आदिवासी इलाकों में लोगों का विशेष ध्यान रखा जाए इसके बाद मुझे जब धसान की जानकारी हुई तो मैं तुरंत यहां देखने के लिए आई हूं इस इलाके में स्कूल छोड़कर रहने के लिए कोई वैकल्पिक जगह नहीं है, परंतु जामुड़िया इलाके में सरकार का पुनर्वासन के लिए आवास बना हुआ है अगर यहां से कोई लोग जाना चाहे तो वह वहां जा सकते हैं. इसे लेकर हमारे यूनियन के नेता अभिजीत घटक ईसीएल के अधिकारियों से बात करेंगे तथा स्थानीय स्तर पर तृणमूल यूनियन के नेता तपन मुखर्जी यहां के अधिकारियों से मिलकर बात करेंगे तथा इसका स्थाई समाधान निकालेंगे
वहीं दूसरी ओर ईसीएल के जेके नगर कोलियरी प्रबंधन द्वारा जेसीबी मशीन से धसान प्रभावित क्षेत्र की भराई की गयी.









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