जामुड़िया : गुरु गुरुनानक देव की 552 वीं जयंती के अवसर पर निंघा गुरुद्वारा में निंघा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने कार्यक्रम आयोजित किया. मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में आईएनटीटीयूसी के जिला अध्यक्ष अभिजीत घटक उपस्थित हुए. जिन्हें कमेटी के प्रधान राजा सिंह ने शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया. इस दौरान गुरुद्वारा में शनिवार के पूरे दिन सेवा और भक्ति का संगम हुआ. कार्यक्रम के विषय में राजा सिंह ने बताया कि गुरू नानक देव सिख धर्म के संस्थापक और सबसे पहले गुरू थे. उनकी जयंती को सिख धर्म में प्रकाश पर्व या गुरू पर्व के नाम से मनाया जाता है ये सिख धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है. गुरुनानक देव जी द्वारा दिए गए जीवन के संदेशों और शिक्षाओं के बारे में प्रकाश डाला गया तथा कीर्तन व लंगर का आयोजन किया गया.सिख धर्म के लोग गुरु नानक जयंती को उत्सव की तरह मनाते हैं. गुरुनानक जी ने अपने उपदेशों से लोगों को जीवन की सही राह दिखाई . गुरु नानक देव सर्वधर्म सद्भाव की प्रेरक मिसाल माने जाते हैं. उनका व्यक्तित्व दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्म-सुधारक, समाज सुधारक, देशभक्त जैसे सभी गुणों को समेटे हुए है. गुरु नानक देव जी ने समाज में फैले अंधविश्वास, घृणा, भेदभाव को दूर करने के लिए सिख संप्रदाय की नींव रखी.उन्होंने समाज में आपसी प्रेम और भाईचारे को बढ़ाने के लिए लंगर परंपरा की शुरुआत की थी. इसमें सभी जाति और संप्रदाय के लोग एक साथ बैठकर भोजन करते हैं. मौके पर निंघा गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के सचिव जितेंद्र सिंह, कोषाध्यक्ष बलदेव सिंह, ग्रंथि ज्ञानी सुरजीत सिंह, हरदीप सिंह, अमरजीत सिंह, सतनाम सिंह, दिलीप थोर, करण सिंह, महेंद्र सिंह आदि उपस्थित थे.









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