रानीगंज -सिखों के चौथे गुरु गुरु रामदास साहिब जी का प्रकाश पर्व अंडाल बाजार गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से गुरुद्वारा में मनाया गया. पटना साहिब से रागी जत्था भाई कविंदर सिंह एवं कोलकाता के कथावाचक सरदार जनरेल सिंह ने श्री गुरु राम दास जी की महिमा कीर्तन एवं लेक्चर के माध्यम से संगतो को सुनाकर निहाल किया. गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार हरदेव सिंह ने कहा कि श्री गुरु रामदास साहिब जी ने अमृतसर की स्थापना की थी जो कि पहले रामदास पुर के नाम से जाना जाता था. सिख धर्म के लिए एक नई विवाह प्रणाली को प्रचलित किया. गुरु ग्रंथ साहिब जी के हजूरी में सिख धर्म के लोगों का विवाह *आनंदकारज चार फेरे लावा* की रचना की थी एवं सिखों को गुरमत मर्यादा के बारे में बतलाया था. अंडाल बाजार गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रमुख पदाधिकारी सरदार अजीत सिंह, देवेंद्र सिंह मक्कड़, ऋषि सिंह एवं गुरप्रीत सिंह के द्वारा सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारी सरदार तरसेम सिंह, सुरजीत सिंह मक्कड़, रंजीत सिंह , हरजीत सिंह बग्गा, एवं पोस्टल विभाग द्वारा पोस्टल स्टांप सरदार दलजीत सिंह वाधवा के नाम जारी होने के लिए उन्हें विशेष रूप से सिरोपा देकर सम्मानित किया गया.









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