आसनसोल- भारत और बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय सीमा से बीएसएफ के द्वारा तस्करी किए जा रहे पशुओं को बचाने के बाद उनकी देखभाल और उपचार के लिए आसनसोल गौशाला में भेजा गया है। इसमें न केवल बंगाल की बल्कि बिहार के किशनगंज आसाम से सटे बांग्लादेश सीमा और पश्चिम बंगाल राज्य सीमाओं पर तस्करी से बचाए गए तकरीबन 600 गाय और बछड़े शामिल है। आसनसोल के गौशाला में इन गायों का देखभाल कर रहे केयरटेकर पिंटू कुमार ने बताया कि आसाम बिहार और बंगाल से सटी बांग्लादेश सीमा से सीमा सुरक्षा बलों के द्वारा 600 पशुओं को यहां भेजा गया है। हम लोग यहां उनकी सेवा कर रहे हैं। उन्हें भोजन दिया जा रहा है। उनमें कईयों की हालत काफी नाजुक है। जिसका इलाज चल रहा है। वहीं कोलकाता के जय गुरुदेव संस्था के सदस्य विशाल मेहता ने बताया कि यहां ज्ञान फाउंडेशन एवं कई अन्य संस्थाओं के द्वारा गौशाला की मदद की जा रही है, जिसमें उनकी संस्था भी शामिल है। सीमा से जो भी पशु यहां भेजे गए हैं। उनकी हालत काफी खराब है। हालांकि यहां आने के बाद उनका उपचार और भोजन की व्यवस्था कराई जा रही है। लेकिन 17 ऐसे बछड़े हैं। जिनका रक्त का लेबल काफी कम हो गया है,क्योंकि उन्हें तस्कर 15 दिन खाना नहीं दिए, ताकि उनका शरीर सुख जाए और उनकी वध करने में सरलता हो। ऐसे पशुओं को बचाने की पुरजोर कोशिश की जा रही है। वही बैरकपुर सीमा सुरक्षाबल कार्यालय से आसनसोल गौशाला का दौरा करने आए एक बीएसएफ के अधिकारी ने बताया कि सीमा क्षेत्र से भेजे गए पशुओं की हालात को देखने के लिए वे आसनसोल गौशाला आए हैं। उन्होंने कहा कि लाए गए पशुओं की देखभाल का जायजा लिया यहां बेहतर देखभाल और उपचार किया जा रहा है। जबकि गौशाला प्रबंधन कमेटी की एक सदस्या ने बताया कि यहां हम लोग बॉर्डर सीमा क्षेत्र से तस्करी से बचाए गए पशुओं का देखभाल कर रहे हैं। प्रतिदिन भोजन के लिए हमारी संस्था के तरफ से 50000 रुपए खर्च किए जा रहे है।









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