रानीगंज-रानीगंज के सीयारसोल राजबाड़ी मोड़ क्षेत्र के एनएसबी रोड बाइलेन, जिसे अब रवीन्द्र एवेन्यू के नाम से जाना जाता है, मेसर्स सुमन इंजीनियरिंग नामक एक व्यवसायिक कंपनी ने दो साल पहले 32 लाख रुपये का ऋण लिया था, जिसे वह चुका नही सके. उन्होंने यह कर्ज इंडियन बैंक की रानीगंज शाखा से लिया था. नोटिस देने के बाद भी कंपनी लोन चुकता करने के लिए कोई पहल न करने के कारण पश्चिम बर्दवान जिला शासक के निर्देश पर मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में बैंक द्वारा बुधवार को भवन को अपनी हिफाजत में में ले लिया गया और सील कर दिया गया. इस बारे में उस फर्म का कोई भी व्यक्ति पत्रकारों से रूबरू नहीं हुआ, हालांकि इस बारे में बैंक के अधिवक्ता संग्राम सिंह से ने कहा की
आज से 2 साल पहले सुमन इंजीनियरिंग के नाम से 32 लाख रुपए का मूल लोन इंडियन बैंक से लिया गया था, जो कि अब बढ़कर 40 लाख रुपए हो गया है लेकिन उसकी अदायगी नहीं की गई. यह लोन पहले के इलाहाबाद बैंक और आज के इंडियन बैंक से लिया गया था ,लेकिन इसे चुकाया नहीं गया.लोन लेने वाले व्यक्ति का नाम अरुप मजूमदार है. उनकी उत्तराधिकारी पापिया मजूमदार इसे लेकर डीआरडी में गई थी लेकिन वहां से उन्हें कोई स्टे नहीं मिला. उन्होंने कहा कि पहले ही इस मकान को किसी तीसरे व्यक्ति को बैंक ने 35 लाख रुपए में बिडिंग के तहत बेच चुका है .आज रानीगंज थाना प्रभारी विकास दत्त और उनकी पूरी टीम बैंक की तरफ से रिकवरी एजेंट राजीव बैनर्जी और उनकी पूरी टीम मजिस्ट्रेट सारथी नाथ दास के मैनेजर प्रवीण कुमार अमरेश कुमार की मौजूदगी में घर पर कब्जा दिलाया गया.











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