रानीगंज-बीते दो दिन पूर्व तीराट ग्राम पंचायत अंतर्गत डमलिया ग्राम वासियों के विरोध आंदोलन के बाद इस बार रानीगंज के तिराट ग्राम पंचायत में ही हाड़ाभांगा इलाके के असंख्य ग्रामीणों ने नोनिया नदी के हाड़ाभांगा पुल के जीर्णोद्धार और पुल की मजबूती से मरम्मत तथा इलाके में टूटी सड़कों की मरम्मत की मांग की. रानीगंज जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग के रूप में, रानीगंज में डमलिया से रानीगंज शहर तक आसानी से पहुंचाने वाले पुल को बंद करने का विरोध करते हुए, विरोध रैली किया. वैकल्पिक मार्ग के समर्थन में आवाज बुलंद करते हुए विरोध आंदोलन में शामिल हुए. क्षेत्र के आदिवासी संगठनों के कई सदस्यों के साथ हाड़ा भांगा क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में विरोध आंदोलन में शामिल हुए. उनका कहना है कि भारी बारिश के दौरान यह टूटा हुआ पुल डूब जाता है, इस टूटे हुए पुल से पैदल यात्रा करना भी मुश्किल होता है. उसी को ध्यान में रखते हुए डमलिया ब्रिज बहुत समय पहले बनाया गया था, जिसका नाम सिधू, कानू, ब्रिज रखा गया है. उस पुल से होकर रानीगंज शहर का रास्ता तय करना आसान है मगर कुछ लोग उस बाईपास के माध्यम से सड़क को बंद करने की योजना बनाने की साज़िश रची है.उन्होंने उनके खिलाफ चेतावनी दी कि यदि बाईपास की ओर जाने वाली सड़क को बंद कर दिया गया, तो हाड़ाभांगा से रानीगंज जाने वाली सड़क को अवरुद्ध कर दिया जाएगा, हालांकि, जिनके खिलाफ उन्होंने ये शिकायत की उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला. इस संबंध में सामूहिक विकास अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच कर कार्रवाई की जायेगी.











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