रानीगंज- रानीगंज के सीयारसोल राजबाड़ी इलाके में स्थित अंग्रेजी माध्यम की विद्यालय सेंट मेरी स्कूल के अभिभावकों ने शुक्रवार को स्कूल परिसर में जमकर हंगामा मचाया. इस अंग्रेजी माध्यम स्कूल के प्रबधन से जुड़े दयामय पाल का घेराव कर अभिभावकों ने अपना गुस्सा जाहिर किया. उनका कहना है कि फीस के नाम पर तो स्कूल इनसे मोटी रकम लेती है लेकिन यहां पढ़ने वाले बच्चों को कोई सुविधा नहीं दी जा रही हैं . इस स्कूल में शौचायलयों की अवस्था काफी खराब है .शौचालय में जाने से बच्चे कतराते हैं, जिससे उनके बीमार पड़ने की आशंका होती है. पीने के पानी की भी समस्या है, लेकिन जिस एक मुद्दे पर अभिभावकों ने सबसे ज्यादा नाराजगी जाहिर की वह थी स्कूल परिसर में साफ सफाई का अभाव .अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल परिसर में लंबी-लंबी झाड़ियां उगी हैं. उनके साफ सफाई नहीं होती जिससे सांप बिच्छू जैसे जहरीले प्राणी स्कूल परिसर में घूमते हैं ,जो कभी भी बच्चों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. स्कूल प्रबंधन का इन झाड़ियों को काटने और स्कूल परिसर को साफ सुथरा रखने को लेकर कोई ध्यान नहीं है, इतना ही नहीं अभिभावकों ने यह आरोप भी लगाया कि स्कूल परिसर के अंदर ही कीले लगे हुए पटरे पड़े रहते हैं जो ढलाई के काम में इस्तेमाल होते हैं. अभिभावकों का आरोप है की स्कूल प्रबंधन स्कूल परिसर को इन सब चीजों को रखने के लिए भाड़े पर देता है. अभिभावकों का कहना है कि इस तरह से अगर कील लगे हुए लकड़ी के पट्टे स्कूल परिसर में पड़े रहे तो बच्चे घायल हो सकते हैं. अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल में कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम तक नहीं होते. यहां तक की 15 अगस्त पर ध्वजारोहण तक नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि इस स्कूल में नर्सरी से कक्षा 6 तक की पढ़ाई होती है ,लेकिन यहां के विद्यार्थियों को न्यूनतम सुविधा भी नहीं दी जाती. क्लासरूम के अंदर सांप घुस जाते हैं जिससे बच्चों का जीवन खतरे में पढ़ सकता है. एक अन्य अभिभावक में आरोप लगाया कि स्कूल खुलने का भी कोई निश्चित समय नहीं है .इस बारे में जब स्कूल प्रबंधन से अभिभावक बात करते हैं तो वह हमेशा मुद्दे को टाल देते हैं. आज अभिभावक स्कूल में आए और उन्होंने इन सब मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन किया और आज स्कूल में पठन-पाठन भी नहीं हो सका .अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन को सोमवार तक का समय दिया है, ताकि स्कूल प्रबंधन चीजों को दुरुस्त कर ले .इस बारे में जब स्कूल प्रबंधन में से किसी से बात करने की कोशिश की तो स्कूल प्रबंधन से जुड़ा कोई भी व्यक्ति इस पर टिप्पणी नहीं करना चाह रहा था.














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