मेदनीपुर: बुधवार की तड़के पूर्वी मिदनापुर में मेचेदा रेलवे स्टेशन के पास उनकी रसोई से शुरू हुई आग में एक वृद्ध और उनकी 42 वर्षीय बेटी की जलकर मौत हो गई और फिर 14 अन्य घरों में फैल गई।
करीब 50 निवासी समय रहते घरों से बाहर निकलने में सफल रहे, लेकिन पिता-पुत्री अपनी झोपड़ी में ही फंसे रहे।
मरने वालों में गोकुल कर (80) और बेटी मल्लिका कर (42) शामिल हैं।
आग बुझाने के लिए दमकल की दो गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और कोलाघाट पुलिस बचाव के प्रयास में शामिल हो गई।
परिसर को सील करने के बाद दोनों जले हुए शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए पूर्वी मिदनापुर जिला अस्पताल भेज दिया गया।
जले हुए घरों में से एक में रहने वाले संजय गुचैत ने कहा कि जब वह सैम के आसपास चीखें सुन रहा था तो वह सो रहा था।
एक सब्जी विक्रेता गुचैत ने कहा, "मैं 'बाहर आग' की चीख सुनकर जाग गया। मैं किसी तरह घर से बाहर निकला और भाग निकला।"
उन्होंने कहा कि उनका घर करीब 30 साल से यहां है।
सरकारी जमीन पर टीन, टाइल्स और क्लैपबोर्ड की बनी झोंपड़ियों में 15 परिवार रहते थे।
गुचैत ने कहा, "आग में हमारा सारा सामान और दस्तावेज जल गए।"
पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आग मृतक युगल के घर की रसोई से फैली थी।
एक अधिकारी ने कहा, "पिता बीमार थे और कोशिश करने के बावजूद आग से नहीं बच सके। उनका शव उनकी बेटी के साथ मिला था, जिसके निशान से पता चलता है कि उसने आग से बाहर निकालने में उनकी मदद करने की कोशिश की थी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।"
कोलाघाट थाना प्रभारी इमरान मल्ला ने कहा, "मेचेड़ा रेलवे पुल के पास करीब 15 झुग्गियां जलकर खाक हो गई हैं।
आग में दो लोगों की मौत हो गई। खबर मिलते ही हम मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया."शवों को अस्पताल भेज दिया गया है।"










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