आसनसोल : पश्चिम बर्दवान जिला भुइयां समाज के द्वारा 12 सूत्री मांगों के समर्थन में जिला शासक कार्यालय पर प्रदर्शन किया गया। इसके बाद एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला शासक एस अरुण प्रसाद से मिलकर उन्हें अपनी मांगों का एक ज्ञापन सौंपा।इसके पहले आसनसोल पोलो ग्राउंड से एक विशाल जुलूस निकाला गया। जो भगत सिंह मोड़ होते हुए जिला शासक कार्यालय पर समाप्त हुआ।इस जुलूस में कई हजार स्त्री और पुरुष शामिल थे। विशाल जनसमुदाय को देखते हुए पुलिस ने किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की आशंका से निपटने के लिए पुलिस बल तैनात की थी। इस दौरान इस जुलूस का नेतृत्व करने वाले भुइयां समुदाय का एक पदाधिकारी ने बताया कि भुइयां और आदिवासी यानी अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के लोगों ने कोलयरी, रेल,सेल,भेल को निर्माण करने में अपना योगदान दिया।इन कंपनियों की शुरूआत में कोई भी इस क्षेत्र में कार्य करने के तैयार नहीं था।यह आदिवासी समाज ही है। जिन्होंने मेहनत करके इन कंपनियों को खड़ा किया। आज उन्हीं को इस क्षेत्र से हटाया जा रहा है। हमारी समाज इसका विरोध करता है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में बाबासाहेब अंबेडकर के नाम से एक पार्क होना चाहिए। एससी एसटी जातियों के विद्यार्थियों लिए एक हॉस्टल होना चाहिए। रेल,सेल,भेल, कोल आदि क्षेत्रों से आदिवासियों को हटाना नहीं चलेगा। हम लोग इन मांगो सहित बारह मांगों को लेकर आज जिलाशासक को एक ज्ञापन सौपें हैं। यह हम लोगों का एक संकेतिक आंदोलन है। जिसमें 20 से 22 हजार लोग शामिल हुए हैं।यदि हमारी मांगों को नहीं मानी गई, तो इससे भी अधिक लोग सड़क पर उतरेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा संगठन पूर्ण रूप से गैर राजनीतिक संगठन है। यह हमारे समुदाय के लोगों का संगठन है। हमारी समुदाय का जो लोग समर्थन करेंगे।हमलोग उनके साथ हैं।हमारा किसी राजनीतिक दल से कोई लेना देना नहीं है।श्चिम बर्दवान जिला भुइया समाज के द्वारा 12 सूत्री मांगों के समर्थन में जिला शासक कार्यालय पर प्रदर्शन किया गया। इसके बाद एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला शासक एस अरुण प्रसाद से मिलकर उन्हें अपनी मांगों का एक ज्ञापन सौंपा।इसके पहले आसनसोल पोलो ग्राउंड से एक विशाल जुलूस निकाला गया। जो भगत सिंह मोड़ होते हुए जिला शासक कार्यालय पर समाप्त हुआ।इस जुलूस में कई हजार स्त्री और पुरुष शामिल थे। विशाल जनसमुदाय को देखते हुए पुलिस ने किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की आशंका से निपटने के लिए पुलिस बल तैनात की थी। इस दौरान इस जुलूस का नेतृत्व करने वाले भुइयां समुदाय का एक पदाधिकारी ने बताया कि भुइयां और आदिवासी यानी अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के लोगों ने कोलयरी, रेल,सेल,भेल को निर्माण करने में अपना योगदान दिया।इन कंपनियों की शुरूआत में कोई भी इस क्षेत्र में कार्य करने के तैयार नहीं था।यह आदिवासी समाज ही है। जिन्होंने मेहनत करके इन कंपनियों को खड़ा किया। आज उन्हीं को इस क्षेत्र से हटाया जा रहा है। हमारी समाज इसका विरोध करता है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में बाबासाहेब अंबेडकर के नाम से एक पार्क होना चाहिए। एससी एसटी जातियों के विद्यार्थियों लिए एक हॉस्टल होना चाहिए। रेल,सेल,भेल, कोल आदि क्षेत्रों से आदिवासियों को हटाना नहीं चलेगा। हम लोग इन मांगो सहित बारह मांगों को लेकर आज जिलाशासक को एक ज्ञापन सौपें हैं। यह हम लोगों का एक संकेतिक आंदोलन है। जिसमें 20 से 22 हजार लोग शामिल हुए हैं।यदि हमारी मांगों को नहीं मानी गई, तो इससे भी अधिक लोग सड़क पर उतरेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा संगठन पूर्ण रूप से गैर राजनीतिक संगठन है। यह हमारे समुदाय के लोगों का संगठन है। हमारी समुदाय का जो लोग समर्थन करेंगे।हमलोग उनके साथ हैं।हमारा किसी राजनीतिक दल से कोई लेना देना नहीं है।









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