आसनसोल : रानीगंज को महकमा का दर्जा देने की मांग रानीगंज सीनियर सिटीजन फोरम ने गुरुवार को जिला शासक कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन कर जिला शासक को ज्ञापन सौंपा। मौके पर फोरम के अध्यक्ष बर्दवान विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर डॉ रामदुलाल घोष, कार्यकारी अध्यक्ष रानीगंज नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन गौतम घटक, सचिव सरदार रविंदर सिंह, आरपी खेतान, सास्वती चटर्जी समेत विभिन्न संस्थाओं के अध्यक्ष और सचिव उपस्थित थे। धरना प्रदर्शन सुबह 11 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक चला। इस दौरान रामदुलाल घोष ने कहा कि हमलोग रानीगंज के पुराने गौरव को लौटाने की मांग कर रहे हैं। रानीगंज को फिर से महकमा शहर का दर्जा दिया जाए। रानीगंज वर्ष 1876 से 1906 तक महाकमा शहर के रूप में जाना जाता था। तब रानीगंज शहर को एक नंबर शहर होने का गौरव प्राप्त था। पूरे देश में रानीगंज कोयले की राजधानी के रूप में मशहूर था लेकिन 1954 में रानीगंज से महात्मा शहर का दर्जा वापस ले लिया गया एकत्रित बर्दवान जिला के विभाजित होने के बाद जब से पश्चिम बर्दवान जिला का गठन हुआ है तब से ही हम लोगों की मांग है कि रानीगंज को महकमा बनाया जाए आज महात्मा का दर्जा वापस लेने के बाद से नंबर एक शहर आसनसोल टो दुर्गापुर और रानीगंज तीसरे स्थान पर चला गया है रानीगंज की जनसंख्या बढ़ी है प्रतिष्ठा ने बढ़ी है रास्ता संकरा हो गया है बहुत सारी समस्याएं उत्पन्न हो गई है इस समस्या का समाधान करने का एकमात्र विकल्प है की रानीगंज को महात्मा का दर्जा दे दिया जाए जिससे एक महात्मा शहर को जो सुख सुविधाएं दी जाती है वह सुख सुविधाएं रानी का शहर को भी मिलेगा जिससे समस्या का समाधान हो जाएगा इसके लिए हम लोगों ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों से वार्ता की है सभी लोगों ने रानीगंज को महात्मा का दर्जा देने का आश्वासन दिया है आज हम लोग जिला शासक को भी ज्ञापन सौंपेंगे और जल्द से जल्द रानीगंज को महाकमा बनाने का आग्रह करेंगे।









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