कोलकाता (पीबी टीवी): स्पेशल समरी रिविजन (SIR) प्रक्रिया के संबंध में राज्य और मुख्य चुनाव आयुक्त ने आज राज्य के तीन ज़िलों के बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) के साथ दूसरे चरण की बैठक सफलतापूर्वक संपन्न की। बैठक का मुख्य फोकस BLO ऐप्स, IT नेटवर्क, और इन एप्लीकेशन्स के काम करने के तरीकों पर विस्तृत चर्चा करना था। हालांकि, यह बैठक अभी केवल चर्चा तक सीमित थी, BLO कर्मियों को जल्द ही इन ऐप्स के उपयोग पर विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
आधार की अनिवार्यता पर भ्रम दूर
बैठक के बाद राज्य चुनाव आयुक्त मनोज अग्रवाल ने SIR में आधार कार्ड की वैधता को लेकर एक महत्वपूर्ण और स्पष्ट संदेश दिया। उन्होंने साफ किया कि "कोई वैध मतदाता सूची से बाहर नहीं होगा। आधार अधिनियम में जो प्रावधान हैं, वही लागू होंगे।"
यह स्पष्टीकरण उन खबरों पर विराम लगाता है जिनमें आधार को अनिवार्य बनाए जाने का भ्रम था। आयुक्त ने बताया कि:
जिन लोगों के पास केवल आधार कार्ड है, उन्हें मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने या जारी रखने के लिए किसी अन्य दस्तावेज़ को लिंक करना आवश्यक होगा।
हालांकि, 2002 की SIR सूची में जिन सरकारी अधिकारियों का नाम पहले से दर्ज है, उन्हें किसी अतिरिक्त दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
जिन व्यक्तियों का नाम 2002 की सूची में नहीं है, उन्हें अपनी पहचान स्थापित करने के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होंगे, जिसके बाद उनका नाम मतदाता सूची में जोड़ा जा सकेगा।
यह निर्देश सुनिश्चित करता है कि आधार कार्ड एकमात्र मान्य दस्तावेज़ नहीं होगा और अन्य वैध पहचान दस्तावेज़ों को भी मान्यता मिलेगी, जिससे कोई भी योग्य मतदाता सूची से वंचित न हो।
BLO कर्मियों के संदेहों का समाधान
बैठक में BLO कर्मियों ने फॉर्म 7 और फॉर्म 8 कैसे फाइल करना है, तथा किन परिस्थितियों में कौन-कौन से दस्तावेज़ों की ज़रूरत होगी, जैसे कई व्यावहारिक सवाल उठाए। चुनाव आयोग ने इन सभी सवालों का समाधान किया और उनकी शंकाएं दूर कीं।
बैठक के बाद, BLO कर्मियों ने संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अब वे स्पष्ट जानकारी के साथ आम लोगों के बीच जाकर फैले हुए भ्रम और भय को दूर करने में सक्षम होंगे। चूंकि BLO ही सीधे जनता से जुड़ते हैं, इसलिए उनकी इस स्पष्टता से मतदाता सूची को लेकर जनसाधारण में व्याप्त भ्रम के समाप्त होने की उम्मीद है।









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