जामुड़िया - इकड़ा औधौगिक क्षेत्र स्तिथ अति प्राचीन सिधारन नदी को स्थानीय कुछ कारखानों के द्वारा अपनी निजी स्वार्थ के लिए इसे अतिक्रमण कर नदी को अपने कारखाना के अधीन कर लेने तो कई स्थान पर उसकी धारा बदलने एवं संकरी कर दिए जाने का का खामियाजा इस बार इस लगातार हो रहे बारिश ने दिखा दिया,श्याम सेल ,गगन फेरोटेक कारखाना का कई हिस्सा जलमग्न हो गया,
भारी बारिश के कारण श्याम सेल पावर लिमिटेड कारखाना से जल निकाशी नहीं होने के कारण श्रमिको को ले जाने वाले मिनी बस कारखाना के परिसर में ही फंस गया, उसे निकालने के लिए तथा श्रमिको को रेस्क्यू करने के लिए मौके पर कारखाना के दमकल विभाग के कर्मी उस वाहन तथा श्रमिको को बाहर निकाला .
वहीं इकड़ा शमशान घाट जाने वाला रास्ता फिर बंद हो गई है.स्थानीय शमशान काली मंदिर डूब गई है. इस रास्ते से होकर गुजरने वाले स्थानीय ग्राम वासीयों की मुश्किलें बढ़ गई. इसके बारे में पुछे जाने पर इकड़ा ग्राम के रहने वाले स्थानीय ग्राम वासी बुद्धदेव रजक ने कहा कि हमारे पुर्वजों के समय यह प्राचीन सिंघारन नदी अधिक चौड़ी हुआ करती थी, लेकिन कुछ सालों से देखा जा रहा है कि कुछ कारखाना अपने निजी स्वार्थ के नदी पर धीरे-धीरे अतिक्रमण कर उसे छोटे नाले में तब्दील कर दिया गया है, जिसके कारण बारिश होने पर इकड़ा मोड़ से इकड़ा शमशान होते हुए चंडीपुर , महेशाबुड़ी , सकतपुर , बलानपुर मोड़ होते हुए रानीसयर जाने वाले लोगों को काफी परैशानी हो रही है ओर कारखाना में कार्य करने वाले क्षमिको को भी आने जाने में काफी मुश्किल हो रही है. लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि रास्ता कहां पर है जिसके कारण कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है ओर जितने भी आसपास के ग्राम वासी हैं, उन्हे दुसरे रास्ते से होकर गुजरना पड़ रहा है . शमशान घाट स्थित सभी मंदिरों में पानी भर गया ओर मंदिर में आ गए है . इस परिस्थिति के लिए नगर निगम पुर्ण रूप से जिम्मेदार हैं और नागरिकों को होने वाले परेशानीयों के लिए गुनहगार है. इकड़ा इंडस्ट्रीयल एरिया में सिंघारन नदी के रास्ते को छोटा करने के लिए यहां लगने वाले फैक्ट्रीयों ने नदी की भराई करके नदी की गती पथ को रोका और नदी के दोनों तरफ पाट पर इनका अवैध रूप से कब्जा कर लिया है. इसका नतीजा यह हुआ कि पानी निकाशी नहीं होने के कारण जामुड़िया इकड़ा औद्योगिक क्षेत्र के कई इलाके डूब गये हैं.











0 टिप्पणियाँ