रानीगंज-आल बंगाल प्राइमरी टीचर्स एसोसिएशन की तरफ से आज पूरे राज्य के 12000 केंद्रों में दो लाख आठ हजार विद्यार्थियों की परीक्षा ली गई . संगठन की तरफ से हर साल किसी तरह से पांच विषयों पर राज्य के विद्यार्थियों की परीक्षा ली जाती है जिसे मेधा अन्वेषण का नाम दिया गया है. इस संदर्भ में रानीगंज में इस परीक्षा के संयुक्त संयोजक सुकांतो दास ने कहा कि आल बंगाल प्राईमरी टीचर्स एसोसिएशन की तरफ से हर साल प्रदेश के विद्यार्थियों की पढ़ाई लिखाई के स्तर को जांचने के लिए मेधा अन्वेषण नाम से परीक्षा ली जाती है. पिछले साल एक लाख विद्यार्थियों ने यह परीक्षा दी थी. इस बार यह संख्या बढ़कर 2 लाख 8हजार हो गई है . उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि बांकुड़ा आसनसोल दुर्गापुर जैसे शहरों में हाई स्कूल में परीक्षा केंद्र बनाने की अनुमति मिल गई, लेकिन रानीगंज के किसी भी हाई स्कूल के प्रधान शिक्षक ने उनके संगठन को इन परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्र बनाने की अनुमति नहीं दी. इस वजह से एक निजी भवन में परीक्षा लेना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि क्योंकि उनका संगठन वामपंथी विचारधारा से संबंधित है इसीलिए उनको यह अनुमति नहीं दी गई लेकिन यहां पर राजनीति नहीं होनी चाहिए .यह बच्चों के भविष्य का विषय है. उन्होंने कहा कि इस परीक्षा के तहत बच्चों को पांच विभागों में प्रश्न दिए जाते हैं. हर एक विभाग के लिए 20 नंबर हैं इस तरह से 100 नंबर का प्रश्न पत्र होता है. इससे सरकारी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई लिखाई के स्तर का पता चलता है और यह बड़ी खुशी की बात है कि ज्यादा से ज्यादा बच्चे इसमें शामिल हो रहे हैं .उन्होंने कहा कि उनका संगठन एकमात्र शिक्षक संगठन है जो इस तरह की परीक्षा लेता है. वही आल बंगाल प्राइमरी टीचर्स एसोसिएशन के रानीगंज चक्र के सचिव निर्माल्य सेनगुप्ता ने बताया की हर साल की तरह इस साल भी उनके संगठन की तरफ से मेधा अन्वेषण नाम से परीक्षा का आयोजन किया गया है. परीक्षा में पांच विभागों में प्रश्न पत्र तैयार किए गए हैं .हर एक विभाग के लिए 20 नंबर है. इस तरह से 100 नंबर का प्रश्न पत्र बनाया गया है. प्रश्नों को कॉम्पिटेटिव एक्जाम में आने वाले प्रश्नों के तर्ज पर बनाया गया है.










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