आसनसोल : राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता 11 को लेकर जेबीसीसीआई के आठवें बैठक में केवल एमजीबी पर यूनियन के प्रतिनिधिमंडल और प्रबंधन के भी सहमति हुई। अभी पूर्ण वेतन समझौता को लेकर श्रमिकों को इंतजार करना पड़ेगा। इस बैठक में एचएमएस, बीएमएस,एटक और सीटू प्रतिनिधि शामिल थे।सभी प्रतिनिधियों ने 19 प्रतिशत एमजीबी पर अपनी सहमति जताई। हालांकि पांचवी,छठी और सातवीं बैठक बेनतीजा समाप्त हुई थी। हालांकि अभी तक एनसीडब्ल्यूए 11 को लेकर केवल समयावधि और एमजीबी पर ही सहमति बनी है। अभी वेतन समझौता पूर्ण रूप से नहीं हुआ है।क्योंकि अभी पार्क्स अलाउंस, एलटीसी, एलएलटीसी सामाजिक सुरक्षा, नाइट अलाउंस, व्किलस अलाउंस पर बात होनी बाकी है।इन सब मुद्दों पर अगले जेबीसीसीआई की बैठक में चर्चा की जाएगी।जिसके बाद सभी विषयों पर सहमति बनने के बाद वेतन समझौता 11 पूर्ण रूप से पारित होगा।हालांकि इस एमजीबी के अनुसार वेतन में न्यूनतम बढ़ोतरी ₹12776.14 पैसा और अधिकतम बढ़ोतरी ₹79408.61 पैसा होगी। यदि इस एमजीबी के अनुसार आप अपना बेसिक की बढ़ोतरी जानना चाहते हैं,तो वर्तमान बेसिक जो होगा। उसमें 1.485917 से गुणा करके जो राशि आएगी। वह आप की बढ़ोतरी राशि होगी। मान लीजिए एनसीडब्ल्यूए 10 में जिसका बैसिक ₹1011.27 पैसा था, तो उसका एनसीडब्ल्यूए 11 में बेसिक ₹ 1502.67 पैसा हो जाएगा। इसमें इसमें एसडीए ₹26.97 पैसा और तिमाही बोनस 10% ₹ 150.27 पैसा यानी उसका कुल बैसिक ₹1679.90 पैसा होगा। पुराने बेसिक से नए बेसिक का अंतर 491.39 पैसा होगी। आप इस बढ़े हुए बेसिक को 26 दिन से गुना करेंगे, तो इस प्रकार उसकी मासिक बढ़ोतरी ₹12776.14 पैसा हो जाएगा। इस विषय में अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ के कार्यकारी अध्यक्ष ईसीएल जेसीसी कारपेट के सदस्य जयनाथ चौबे ने कहा कि अच्छी समझौता हुई है। 19%एमजीबी पर एचएमएस को असहमत बता कर भ्रमित करने वाले लोग यह बताएं कि क्या एचएमएस ने इस सहमति पर अपना हस्ताक्षर नहीं किया है। दरअसल ऐसे लोग श्रमिकों में फूट डालना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोल इंडिया को लेकर डीपीई कभी भी मुद्दा नही था। हालांकि प्रबंधन ने इसे मुद्दा बनाने का प्रयास किया इस एमजीबी समझौता पर प्रधानमंत्री और कोयला मंत्री ने अपनी मुहर लगा दी है।उन्होंने कहा कि एनसीडब्ल्यूए 10 में 20% एमजीबी पर सहमति हुआ था। लेकिन उसमें 2.09% पेंशन में चला गया था।जिसके कारण हमें 17.91 प्रतिशत की ही बढ़ोतरी हुई थी। जबकि एनसीडब्ल्यूए 11 में पूरा 19% बढ़ोतरी हो रहा है। वही इंटक के फेडरेशन के सदस्य विनोद सिंह ने कहा कि यह वेतन समझौता कोल इंडिया के सबसे खराब वेतन समझौता में गिना जाएगा।इस वेतन समझौता से कोयला श्रमिकों में घोर निराशा है।क्योंकि कोयला श्रमिकों की आशा थी कि अपनी जान की परवाह किए बिना कोयला श्रमिक कोरोना योद्धा के रूप में देश के उर्जा के लिए मेहनत किए। वही श्रम शक्ति कम होने के कारण और लाभांश अधिक होने से 27 से 28% एमजीबी बढ़ोतरी आशा थी। लेकिन जेबीसीसीआई में बैठे नेताओं पर कौन सा दबाव था की मात्रा 19% पर एमजीबी पर तैयार हो गए। यह कौन लोग हैं जो 7 जनवरी के होने वाले आंदोलन को विफल कर दिए। सभी पब्लिक सेक्टर में 20% एमजीबी पर हस्ताक्षर हुआ है जबकि 10वां वेतन समझौता में 20% एनजीबी पर सहमति हुई थी, तो उससे कम पर इन नेता कैसे तैयार हुए।यह समझ से परे है। वही एटक नेता अनिल सिंह ने एमजीबी पर अपनी सहमति तो जताई। लेकिन उन्होंने कहा कि अभी भी डीपीई को लेकर अड़ंगा लगा हुआ है। हालांकि कोयला मंत्री ने उस अड़ंगा को दूर करने का जिम्मा लिया है। जब तक पूर्ण वेतन समझौता सामने नहीं आती है। तब तक इसको अच्छा या खराब नहीं कहा जा सकता।










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