रानीगंज-रानीगंज लायंस क्लब द्वारा संचालित लायंस जीडीएम डीएवी पब्लिक स्कूल में शुक्रवार को वार्षिक अनुष्ठान की तैयारियां चलने के दौरान छत के प्लास्टर गिरने से तीन छात्रा जख्मी हो गयी, जिसमें एक छात्रा श्रेयसी दत्ता के सिर पर गम्भीर चोट लगी ,जिसके सिर पर तीन टांके लगे,जबकि अन्य दो अन्य छात्रा स्नेहा सिन्हा एवं श्रेयसी पाल को भी सिर पर चोट लगी.इस घटना को लेकर अभिभावकों ने विद्यालय प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया.वहीं खबर पाकर रानीगंज के सर्किल इंस्पेक्टर सहित अन्य अधिकारी तथा विद्यालय कमिटी के ट्रस्टी सुशील गनेरीवाला ,राजेश जिंदल विद्यालय पहुंचे. उन्होंने घटना को लेकर अभिभावकों के साथ बैठक कर पूरी घटना से प्रिंसिपल ने अवगत कराया.
ज्ञात हो कि जनवरी माह के प्रथम सप्ताह में विद्यालय का वार्षिक समारोह के लिए शुक्रवार को कक्षा 7 की लगभग 40 छात्राएं विद्यालय के नई बिल्डिंग के तीसरे तल्ले पर नृत्य का रिहर्सल कर रही थी कि तभी जिस बरामदे में यह छात्राएं नृत्य कर रही थी उस कमरे की छत का एक हिस्सा का प्लास्टर कक्षा 7 में पढ़ने वाली श्रेयसी पाल ,स्नेहा सिंह एवं श्रयसी दत्ता के सर पर गिर गया जिससे श्रयसी दत्ता बुरी तरह घायल हो गई, जब स्कूल के सभी विद्यार्थी अपने अपने घरों को लौट आए लेकिन यह छात्राएं जब घर नहीं आई तब इन दोनों छात्राओं के परिवारों को घटना की जानकारी मिली. आनन-फानन में इन दोनों छात्राओं के अभिभावक स्कूल पहुंचे घटना के बारे में जानकारी देते हुए श्रेयसी पाल के पिता पार्थ पाल ने बताया की स्कूल की लापरवाही की वजह से आज उनकी बेटी घायल हो गई उनका कहना है कि जब घटना की जानकारी मिलने के बाद वह स्कूल आए तो उनको स्कूल में घुसने तक नहीं दिया जा रहा था ,किसी तरह जब वह स्कूल में दाखिल हुए तो देखा उनकी बेटी बुरी तरह से घायल है आनन-फानन में उनको रानीगंज के त्रिविना अस्पताल एवं बीएन अग्रवाल अस्पताल में दाखिल कराया गया यहां सिटी स्कैन के बाद ही पता चलेगा कि चोट कितनी गंभीर है. स्नेहा सिंह की मां ने भी घटना के लिए स्कूल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया उनका कहना था कि स्कूल के एक अन्य विद्यार्थी ने बताया कि स्कूल की छत पहले से ही जर्जर हालत में थी,एवं विद्यालय के ही एक शिक्षिका ने उन्हें छत की खराब हालत को देखते हुए धीरे धीरे नृत्य करने के लिए कहा था.उन्होंने कहा कि अगर ऐसी ही बात थी तो उस कमरे में छात्राओं से नृत्य करवाने की क्या जरूरत थी. उनका कहना था कि उनकी बेटी का खून नहीं निकला है इसलिए सिटी स्कैन के बाद ही पता चलेगा कि चोट कितनी गंभीर है, हालांकि स्कूल की प्रिंसिपल मंदिरा दे ने कहा कि घटना दुर्भाग्य जनक जरूर है लेकिन इसमें स्कूल प्रबंधन की कोई लापरवाही नहीं है .स्कूल प्रबंधन की तरफ से दोनों घायल छात्राओं की देखभाल के लिए सारे कदम उठाए गए. उन्होंने कहा कि घायल छात्राओं के अभिभावक ही नहीं चाहते थे कि इस मामले में कोई बाहरी व्यक्ति दखलअंदाजी करें. ज्ञात हो कि मात्र तीन वर्ष पूर्व ही इस नए बिल्डिंग का उद्घाटन किया गया था,इन तीन वर्षो में ही बिल्डिंग की छत की प्लास्टर टूट कर गिर गई ,क्या निर्माण सामग्री की गुणवत्ता कमजोर थी,इसकी जांच की बात उठने लगी है कि इसके पीछे विद्यालय प्रबन्धन या ठेकेदार की लापरवाही है.










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