रानीगंज: जीन जयंती सेवा समिति रांनीगंज के 25 साल पूरे होने के उपलक्ष में 21 और 22 दिसंबर को वार्षिक उत्सव के साथ-साथ बसंत उत्सव के रूप में मनाना आरंभ किया गया.
कार्यक्रम की शुरुआत बुधवार को 108 मीटर लंबी चुनरी की शोभायात्रा 351 महिलाओं के द्वारा निकाली गई. इस कार्यक्रम में देश के कोने कोने से श्रद्धालु आए हैं,और कम से कम 20 समिति देश के अलग-अलग कोने से जैसे भागलपुर,दुमका, खड़गपुर, गुवाहाटी,जलपाईगुड़ी,सूरत से यहां रानीगंज आ रही हैं. करीबन 100 श्रद्धालु कोलकाता से आए हैं.
शोभायात्रा के पश्चात रानीगंज सराफ भवन में संध्या 6 बजे से मेंहदी उत्सव मनाया गया.
इस उत्सव में लगभग 300 महिलाओं को मेंहदी लगाई जाएगी।
जीण जयंती सेवा समिति के सचिव " रवींद्र कुमार खेतान ने बताया कि गुरुवार को सुबह से मारवाड़ी युवा समेलन ग्राउंड में 400 महिलाओं के द्वारा एक जैसी साड़ी और चुनरी में मां का मंगल पाठ किया जाएगा.
दोपहर से मां के भजनों का कार्यक्रम है,और संध्या में चुनरी महोत्सव,गजरा महोत्सव है,और लगभग 51 महिलाओं के द्वारा मां की महा आरती का कार्यक्रम की जाएगी.
उन्होंने बताया कि हमारे 2 गुरुजी "मातादेव जी पराशर, और "पलाश जी पराशर, जो गोरिया राजस्थान जीण धाम के पुजारी है उनके सानिध्य में यह आयोजन सम्पन्न होगी.
दूसरी और शोभायात्रा में शामिल भक्तो को बर्न्स प्लाट सहित विभिन्न स्थानों में चाय,पानी बिस्कुट की व्यवस्था की गयी थी.संस्था के रांनीगंज शाखा के प्रतिष्ठाता दिनेश दारूका ने बताया राजस्थान के सीकर जिले के अरावली।पर्वत में विराजी माँ दुर्गा के स्वरूपा जीण माता की संस्था की स्थापना स्वर्गीय गोविंद राम खैतान के आशीर्वाद से रमेश लोयलका,शैलेश खैतान,अरुण खैतान,सहित संस्था के अन्य सदस्यों के प्रयास से की गयी थी,आज यह संस्था वट वृक्ष के रूप में परिणित हो गयी है,अगले वर्ष तक जीण माता के भब्य मंदिर की भी स्थापना हो जाएगी.










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