रानीगंज: भारतीय महिला क्रिकेट टीम द्वारा पहली बार आईसीसी महिला 50 ओवर विश्व कप का खिताब जीतने के बाद पूरे देश में जश्न का माहौल है. इसी ऐतिहासिक विजय का उत्सव मनाने के लिए रानीगंज में सुभाष स्वदेश भावना संस्था द्वारा एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
महिला शक्ति की ऐतिहासिक विजय
हरमनप्रीत कौर के नेतृत्व में, रिचा घोष, स्मृति मंधाना, जेमिमा रोड्रिग्स, शेफाली वर्मा सहित पूरी भारतीय टीम ने फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराकर यह अभूतपूर्व सफलता हासिल की. इस शानदार प्रदर्शन ने सभी भारतवासियों को गौरवान्वित किया है. ज्ञातव्य हो कि भारतीय महिला टीम ने हाल ही में 2 नवंबर 2025 को दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर यह विश्व कप जीता है.
इस ऐतिहासिक जीत का जश्न मनाने के लिए रानीगंज के नेताजी सुभाष स्टेचू के पास एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहाँ भारतीय महिला क्रिकेट टीम को उनकी ऐतिहासिक विजय पर हार्दिक बधाई दी गई.
नारी शक्ति का सम्मान और उत्सव
इस मौके पर भारतीय टीम की सफलता के साथ-साथ खेलकूद में बेहतर प्रदर्शन करने वाले राष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगियों और स्वावलंबी महिलाओं को भी सम्मानित किया गया.कार्यक्रम में सुभाष स्वदेश भावना के अध्यक्ष गोपाल आचार्य , रानीगंज सिटीजेन्स फोरम के गौतम घटक, बल्लभपुर ग्राम पंचायत के प्रधान मीना धीवर,अशोक दत्त, मलय रॉय, शुभो दत्ता और अन्य संस्थाओं के सदस्य तथा रानीगंज के नागरिक.
नारी सशक्तिकरण पर विशिष्टजनों के विचार
इस अवसर पर गोपाल आचार्य ने कहा, "भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने जो इतिहास की रचना की है, उसके लिए हम भारतवासी होने के नाते उन पर गर्व करते हैं. भारतीय महिलाओं ने यह दिखा दिया कि सही अवसर मिलने पर वे किसी से कम नहीं हैं." उन्होंने कहा कि नारी शक्ति मजबूत होगी, तो आने वाली पीढ़ी और मजबूत होगी और समाज सशक्त होगा.गौतम घटक ने कहा कि उन्होंने सेमीफाइनल और फाइनल दोनों मैच देखे थे और उन्हें एक बार भी ऐसा नहीं लगा कि भारत यह मैच हार सकता है. उन्होंने भारतीय टीम के प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा, "यह भारतीय महिला शक्ति की जीत है और क्रीड़ा क्षेत्र में भारत के बढ़ते रुतबे का भी परिचायक है."
श्री घटक ने आगे कहा कि हाल ही में भारतीय पुरुष टीम ने टी20 वर्ल्ड कप जीता था और अब महिलाओं ने विश्व कप जीत लिया, जो देश के लिए गौरव का क्षण है.उन्होंने इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि राजा राममोहन राय से लेकर कई विशिष्ट लोगों ने महिलाओं को उनका अधिकार दिलाने का प्रयास किया है, और इन्हीं प्रयासों का नतीजा है कि आज हमें यह दिन देखना नसीब हुआ.
यह कार्यक्रम खेल और नारी सशक्तिकरण के संगम का प्रतीक बना, जहाँ एक ओर क्रिकेट की ऐतिहासिक जीत का जश्न मनाया गया, वहीं दूसरी ओर समाज में महिलाओं के बढ़ते महत्व को रेखांकित किया गया.












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