हुगली जूट मिल खुलने के कुछ ही महीनों बाद 'श्रमिक अशांति' के चलते गेट पर नोटिस, कामगारों में आक्रोश




रानीगंज - मंगलपुर औद्योगिक क्षेत्र में स्थित हुगली जूट मिल, जो 14 साल से बंद पड़ी थी, कुछ ही महीनों पहले फिर से खुली थी, लेकिन अब उस कारखाने के गेट पर तालाबंदी का नोटिस लटका दिया गया है. मिल प्रबंधन ने इसके पीछे श्रमिक अशांति को कारण बताया है.यह मिल 1 दिसंबर 2024 को एक नए प्रबंधन को सौंप दी गई थी, जिसके बाद इसे फिर से खोलने का नोटिस जारी हुआ था.इस नोटिस के आधार पर, हुगली जूट मिल के पुराने श्रमिकों ने काम के लिए आवेदन किया.इसके बाद ब्लीचिंग से लेकर स्पिनिंग तक का काम शुरू करने के लिए मशीनें चलाई गईं.



 श्रमिकों की स्थिति और मुख्य मांगें

मिल प्रबंधन ने अब तक 75 श्रमिकों की बायोमेट्रिक उपस्थिति शुरू की है.हालांकि, लगभग 125 अन्य श्रमिक भी वहाँ काम कर रहे हैं, लेकिन उनके लिए न तो कोई निर्धारित मजदूरी है और न ही उपस्थिति दर्ज करने की बायोमेट्रिक प्रणाली.


जूट मिल के दो महत्वपूर्ण विभाग करघा और फिनिशिंग हाउस अभी तक शुरू नहीं किए गए हैं.


श्रमिकों के आरोप

पिछले सप्ताह, कंपनी ने पुराने श्रमिकों को नियुक्त करने के लिए उनके नाम और काम के स्थान के साथ एक सूची मिल के गेट पर लगाई थी.श्रमिकों का दावा है कि उस सूची में नाम देखने के बाद कई श्रमिक काम पर जाने के लिए पहुंचे, लेकिन उन्हें वापस लौटा दिया गया.



इन सभी मुद्दों को लेकर श्रमिकों ने शनिवार को विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिसमें उन्होंने मांगें रखीं कीप्रत्येक श्रमिक को निर्दिष्ट बायोमेट्रिक प्रणाली के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करके ही कारखाने में प्रवेश दिया जाए.काम के 10 घंटे के बजाय 8 घंटे निर्धारित किए जाएं.उन्हें अन्य सभी जूट मिलों के समान 485 रुपये की न्यूनतम निर्धारित मजदूरी दी जाए.उन्हें सामाजिक सुरक्षा (सोशल सिक्योरिटी) प्रदान की जाए।



श्रमिकों ने रानीगंज के मंगलपुर औद्योगिक क्षेत्र स्थित जूट मिल में बिना काम किए विरोध जताया और इस गतिरोध को खत्म करने के लिए विभिन्न श्रमिक संगठनों से गुहार लगाई.

जूट मिल प्रबंधन ने इसी विरोध प्रदर्शन को आधार बनाकर, श्रमिक अशांति का हवाला देते हुए कारखाने के गेट पर नोटिस लगा दिया.नोटिस में कहा गया है कि शनिवार सुबह से ही श्रमिकों का विरोध चल रहा है.उन्होंने स्पष्ट लिखा है कि "काम नहीं, तो वेतन नहीं" .


प्रबंधन के इस कदम से श्रमिक संगठनों के साथ-साथ सामान्य श्रमिकों में भी आक्रोश फैल गया है.जब इस संबंध में कारखाना प्रबंधन से सवाल किया गया, तो उन्होंने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि यह मामला उच्च अधिकारियों द्वारा निपटा जाएगा.

फिलहाल, सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि मंगलपुर औद्योगिक क्षेत्र के हुगली जूट मिल में काम कब तक सामान्य हो पाता है.


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