रानीगंज: पश्चिम बंगाल में नौ साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार नौवीं और दसवीं कक्षा के लिए शिक्षक भर्ती परीक्षा रविवार को आयोजित की गई. 2016 के बाद हुई इस परीक्षा के लिए प्रशासन ने बेहद कड़ी निगरानी की व्यवस्था की थी.
2016 में हुई भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार औएमआर शीट में गड़बड़ी के आरोप सामने आए थे, जिसके बाद यह प्रक्रिया पूरी तरह से रुक गई थी. अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह परीक्षा फिर से शुरू की गई है, जिससे हजारों उम्मीदवारों को एक नई उम्मीद मिली है.परीक्षा केंद्रों पर विशेष पर्यवेक्षण आयोग की देखरेख में इसे शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराया गया.
पूरे राज्य की तरह रानीगंज में भी यह परीक्षा आयोजित की गई. रानीगंज के सियारसोल गर्ल्स कॉलेज और टीडीबी कॉलेज को परीक्षा केंद्र बनाया गया था. इन केंद्रों पर सुबह से ही बड़ी संख्या में अभ्यर्थी पहुंच गए थे, जिनमें परीक्षा को लेकर तनाव साफ दिख रहा था.
मैथन से आए एक उम्मीदवार, दिनेश कुमार मंडल, ने बताया कि यह 100 नंबर की परीक्षा है, जिसमें 60 नंबर लिखित परीक्षा के और 40 नंबर अनुभव और इंटरव्यू के हैं.उन्होंने कहा कि वह पहले भी यह परीक्षा दे चुके हैं, लेकिन सफल नहीं हो पाए थे. इस बार उन्होंने पूरी कोशिश की है, लेकिन परिणाम को लेकर अनिश्चित हैं.
वहीं, 26,000 शिक्षकों की नौकरी रद्द होने के बाद दोबारा परीक्षा दे रही अंशुया धीवर ने बताया कि उन्होंने 2016 में परीक्षा देकर नौकरी हासिल की थी, लेकिन अब फिर से परीक्षा देनी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि वह इस परीक्षा का भविष्य नहीं जानतीं, लेकिन परीक्षा देना उनकी मजबूरी है.
रानीगंज के परीक्षा केंद्रों में रानीगंज गर्ल्स कॉलेज में कुल परीक्षार्थी: 660 थे,जिसमे 520 उपस्थित तथा 140 अनुपस्थित थे जबकि त्रिवेणी देवी भालोटिया कॉलेज में कुल परीक्षार्थी 700 थे,जिनमे 541 उपस्थित जबाकी 159 अनुपस्थित थे.
टीडीबी कॉलेज की टीचर-इन-चार्ज प्रोफेसर श्रावणी बनर्जी ने बताया कि पूरी परीक्षा शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित माहौल में संपन्न हुई.
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