नदिया। शहीद भारतीय सेना के जवान झंटु अली शेख का ताबूत में बंद शव जब उनके पैतृक गांव पथरघाटा (तहट, नदिया) पहुँचा, तो वहाँ का दृश्य बेहद भावुक कर देने वाला था। हजारों लोग अपनी आँखों में आँसू लिए अंतिम विदाई देने के लिए इकट्ठा हुए थे। माता-पिता, परिजन और जीवनसंगिनी पत्नी झुमा शेख, शव पर बिलखते हुए टूट पड़े। शनिवार सुबह से ही हजारों ग्रामीण सड़क के दोनों किनारों पर खड़े होकर अपने वीर सपूत के अंतिम दर्शन के इंतजार में थे। बीएसएफ जवानों की सुरक्षा घेरे के बीच झंटु अली शेख का पार्थिव शरीर उनके घर लाया गया। शव देखते ही पूरा परिवार रो पड़ता है और पत्नी झुमा शेख शव पर गिरकर फूट-फूट कर रोने लगती हैं। गाँव के हजारों लोग भी अपनी भावनाओं को रोक नहीं सके और सबकी आँखों से आँसू बहने लगे। भारत माँ के इस वीर सपूत झंटु अली शेख को पूरे गाँव ने नम आँखों से अंतिम विदाई दी। जानकारी के अनुसार, शहीद को सेना द्वारा 'गन सैल्यूट' के साथ सम्मानित कर अंतिम संस्कार की तैयारी की गई है। ऐसे भावुक माहौल में पूरे गाँव और परिवार की एक ही माँग है बदला चाहिए। जैसे कश्मीर में आतंकियों ने झंटु अली शेख को निर्ममता से गोलियों से छलनी किया, वैसे ही भारतीय सेना से आतंकियों को भी उसी प्रकार सजा देने की माँग उठ रही है। अब देशभर की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि केंद्र सरकार पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के खिलाफ कितनी जल्दी और कितनी कठोर कार्रवाई करती है।
0 टिप्पणियाँ