रानीगंज - पंजाबी मोड इलाके में 30 जून को जेके नगर के जेमेरी इलाके के रहने वाले 55 वर्षीय कुड़ान गोराई नामक एक श्रमिक के कंधे पर माइनिंग इंडस्ट्री नामक एक कारखाने में कार्य करने के दौरान लकड़ी का एक भारी पट्टा गिर गया था, जिससे वह बुरी तरह से घायल हो गए थे.इलाज के दौरान अस्पताल में भर्ती कराया गया,जहां इलाज के दौरान अन्य अस्पताल ले जाने के क्रम में मौत हो गयी. घटना के संबंध में उनके बेटे सौरव गोराई ने कहा कि 30 तारीख को उनके पिता ड्यूटी पर थे ,जब लकड़ी का एक भारी पट्टा उनके कंधे पर गिर गया जिससे वह बुरी तरह से घायल हो गए घटना की जानकारी पाकर जब वह फैक्ट्री में पहुंचे तो देखा कि कहीं कोई उनकी मदद के लिए नहीं आया है जब उन्होंने फैक्ट्री के एक अधिकारी को बताया कि उनके पिता को अस्पताल ले जाना है तो उन्होंने बहुत ही बेरुखी से जवाब दिया कि उनको जिला अस्पताल वह ले जाए लेकिन फैक्ट्री की तरफ से उनके पिता को अस्पताल भेजने का कोई प्रबंध नहीं किया गया सिर्फ उनको ₹500 दिए गए और कहा कि वही अपने पिता को अस्पताल ले जाएं लेकिन अपने पिता की तकलीफ देखकर सौरभ ने रानीगंज से आसनसोल जिला अस्पताल ले जाने के बजाय उन्होंने पंजाबी मोड इलाके में ही एक निजी नर्सिंग होम में उनके पिता को भर्ती कर दिया इसके बाद जब उनके पिता की तबीयत और ज्यादा बिगड़ने लगी तब उनको जिला अस्पताल ले जाने के क्रम में रास्ते में ही उनकी मौत हो गई. सौरभ ने बताया कि उनके पिता ही परिवार में एक मात्र कमाने वाले थे जिनकी कमाई से पूरा घर चलता था.उनका एक और छोटा भाई है उनकी मां है ऐसे में उनके पिता के निधन के बाद उनका घर कैसे चलेगा. यह सोचकर वह परेशान है .मृतक के परिवार ने प्रबंधन से मांग की है कि उनके पिता जो की ड्यूटी पर घायल हुए थे उनकी मौत के बाद₹5 लाख का मुआवजा दिया जाए .मृतक की पत्नी रीता गोराई से बात की तो उन्होंने कहा कि उनके पति 15 वर्षो से अधिक सालों से पंजाबी मोड़ के इस कारखाने में काम करते थे. वह लोग।बेहद गरीब परिवार से हैं और उनके पति ही उनके परिवार में कमाने वाले थे ऐसे में अब उनके पति के देहांत के बाद उनका परिवार कैसे चलेगा . रीता गोराई ने मांग के कि उनके पति के निधन के बाद उनके परिवार को 5 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए और उनको एक नौकरी दी जाए इन मांगों के समर्थन में परिवार परिजन और मृतक के जानने वाले लोगों ने लाश को कारखाना परिसर में रखकर विरोध प्रदर्शन किया इनका कहना है कि इतनी बड़ी घटना हो जाने के बावजूद कारखाना प्रबंधन की तरफ से उनकी कोई मदद नहीं की जा रही है. वही एक स्थानीय निवासी ने बताया की फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा उनके परिवार की कोई मदद नहीं की जा रही है सिर्फ ₹500 दिए गए हैं उन्होंने कहा कि आजकल ₹500 में कितना क्या होता है यह सब को पता है ऐसे में फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा यह रवैया अपनाना बेहद दुर्भाग्यजनक है उन्होंने बताया कि मृतक के परिवार वाले 5 लाख रुपए की मांग कर रहे हैं लेकिन कारखाना मलिक का कहना है कि वह बाहर है और चार दिन बाद आकर इस पर बात करेंगे। कारखाना मालिक और प्रबंधन के इसी रवैये के खिलाफ आज परिवार परिजन द्वारा शव को फैक्ट्री के अंदर रखकर विरोध प्रदर्शन किया गया.मौके पर रानीगंज बोरो चैयरमेन मुज्जमिल शहजादा और स्थानीय पार्षद ज्योति सिंह पहुंचे,और श्रमिक के परिवार को मुआवजा देने का समर्थंन किया.










0 टिप्पणियाँ