रानीगंज-हाड़ाभांगा ग्राम रक्षा कमेटी द्वारा रविवार को तिराट -रानीसाएर रोड की मरम्मत तथा हाड़ाभांगा ब्रिज की मरम्मत की मांग पर पथावरोध किया . गांव के लोगों का कहना है कि यहां पर दो बड़े ईसीएल के प्रोजेक्ट हैं, एक निंमचा हाईवाल प्रोजेक्ट और दूसरा आमकोला प्रोजेक्ट.इन दोनों ही प्रोजेक्ट से ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड को करोड़ों का मुनाफा होता है लेकिन यहां के लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ब्रिज की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि यहां से गुजरना मुश्किल हो गया है ,रास्ते की हालत इतनी ज्यादा खराब है कि अक्सर हादसे होते रहते हैं. इस बारे में पश्चिम बंगाल ग्वाला समाज के अध्यक्ष और स्थानीय समाज कर्मी नयन गोप ने कहा के यह सिर्फ एक ब्रिज का मसला नहीं है इस रास्ते की जर्जर अवस्था के कारण 10 हजार लोग मुश्किल में है .उन्होंने कहा कि ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के अधिकारियों को बार-बार इस रास्ते की जर्जर अवस्था के बारे में बताया गया है लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है लोगों को ऐसे जर्जर रास्ते से गुजरना पड़ता है .राज्य सरकार को भी इस बारे में कहा गया है. जिला शासक से लेकर पुलिस आयुक्त को भी चिट्ठी दी गई है लेकिन इस रास्ते और ब्रिज के मरम्मत को लेकर कहीं से कोई सार्थक पहल नहीं की जा रही है .इनका कहना है कि इस ब्रिज के ऊपर से 10 टन से ज्यादा भार की गाड़ी पार नहीं हो सकती लेकिन दिन हो या रात इस ब्रिज के ऊपर से ओवरलोडेड बालू और कोयले की गाड़ियां पर होती हैं .उन्होंने कहा कि उनका यह भी नहीं पता कि यह गाड़ियां वैध है या अवैध है लेकिन वह पार हो रही है. बालू उठाकर दामोदर नदी को खत्म कर दिया गया है. इस ब्रिज के मरम्मत को लेकर चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं लेकिन चुनाव बीत जाने के बाद कोई सुनवाई नहीं होती. उन्होंने कहा की ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड यहां पर दो परियोजनाएं चलकर करोड़ों रुपए का मुनाफा कमा रही है लेकिन गांव वालों की जायज मांगों को नहीं मान रही है .इस वजह से आज यहां के लोग आंदोलन करने को मजबूर हैं. उन्होंने बताया कि 25 दिन पहले इससे समस्या को लेकर जिला शासक को पत्र लिखा गया था लेकिन अभी तक इसका कोई समाधान नहीं निकला है ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के सीएमडी को भी इस बारे में अवगत कराया गया है लेकिन वहां से भी कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया है.उन्होंने साफ कहा कि अगर अगले 15 से 20 दिनों के अंदर समस्या का समाधान नहीं निकल गया तो सिर्फ यहां के ग्रामीण नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल ग्वाला समाज की तरफ से भी यहां पर चल रही ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की दो परियोजनाओं को पूरी तरह से ठप कर दिया जाएगा.उन्होंने पुलिस प्रशासन को चुनौती देते हुए कहा कि अगर इसके लिए पुलिस द्वारा आंदोलनकारी के खिलाफ झूठे मामले भी दर्ज कराए जाते हैं तो इसके लिए भी वह राजी हैं , पहले से ही इस मुद्दे पर आंदोलन करने की वजह से ग्वाला समाज के दो लोगों के खिलाफ पुलिस द्वारा झूठे मामले दर्ज किए गए हैं लेकिन अब यहां के लोग इससे डरने वाले नहीं है. इलाके की एक महिला पिंकि गोप ने भी कहां की यहां पर ब्रिज की हालत इतनी ज्यादा खराब है की बारिश के मौसम में यहां से गुजरना मुश्किल हो जाता है ब्रिज के ऊपर पानी आ जाता है इसके अलावा भी रास्ते की हालत बेहद खराब है ओवरलोडेड गाड़ियां यहां से पार होती है, जिस वजह से लोगों को हमेशा खतरा बना रहता है. उन्होंने बताया कि ना तो ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड और नहीं पुलिस प्रशासन या राज्य प्रशासन इस तरफ कोई ध्यान दे रही है यहां के लोगों ने बार-बार प्रशासन से अनुरोध किया है कि इस रास्ते को ठीक किया जाए लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है.उन्होंने बताया कि 2 दिन पहले यहां पर स्थिति इतनी ज्यादा खराब थी फिसलन इतनी ज्यादा हो गए थे कि लोग गिर रहे थे उन्होंने साफ कहा कि अगर इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान नहीं किया गया तो अब ग्रामीण अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जाएंगे.










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