रानीगंज-स्वामी भूमानंद जी महाराज का 106 वीं जन्मोत्सव श्री सीता राम जी भवन में मनाई गई . कार्यक्रम के संयोजक स्वामी लोकनाथ महाराज ने कहा कि स्वामी जी का जन्मदिन के अवसर पर हम लोग मिलन समारोह के अनुरूप आज के दिन का पालन करते हैं.स्वामी जी स्वामी ओंकार नाथ जी का परम शिष्य थे. हम लोग सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करते हैं ,वर्तमान समय की मांग है आज सनातन धर्म को लेकर भी विभ्रान्ति फैलाने की कोशिश की जा रही है वह ठीक नहीं है हमारे भारतीय सभ्यता संस्कृति में सनातन धर्म का स्थान है और रहेगा.
पुरुलिया से पधारे प्रोफेसर दीनानाथ घटक ने कहा कि स्वामी भूमानन्द जी महाराज एक प्राध्यापक थे. उन्होंने यहां से लेकर कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज. वर्धमान विश्वविद्यालय में जाकर पढाते थे. अंग्रेजी के प्रखर विद्वान होते हुए भी कभी भी उनमें अंग्रेजीयत नहीं दिखी. दूर -दूर तरह से लोग यहां आते थे और रानीगंज के सनातन संगम आश्रम में उनसे मिलते थे .कवि वासुदेव चटर्जी ने कहा कि जब स्वामी जी ने अवकाश ग्रहण किया तो उन्होंने अपने आसपास के शिष्यों को कहा की अपने बच्चों को भेजें. मैं प्रयास करूंगा उन्हें भी शिक्षा देने की. बड़े ही सरल सहज जीवन यापन करते थे. छोटे-छोटे बच्चों को लेकर उन्होंने जो शिक्षा की व्यवस्था उन्होंने की थी यहां आज उन्हीं के बदौलत गुरुकुल विद्यालय चल रही है जिसमें सैकड़ो की संख्या में छात्र हैं ,हिंदू सनातन धर्म पर आधारित शिक्षा प्रणाली वहां चलती है. संस्था के सचिव रवींद्र भालोटीया ने अतिथियों का स्वागत किया .
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