रानीगंज- रानीगंज त्रिवेणी देवी भालोटिया कॉलेज में संथाली भाषा को अन्य भाषाओं की तरह विभाग में शामिल कर आदिवासी समुदाय को शिक्षा का अधिकार प्रदान करने के लिए शुक्रवार को पूरे पश्चिम बर्दवान जिले के संथाली समुदाय के लोग दिशम आदिवासी गांवता सह अन्य आदिवासी संगठन फाईट फार मदर टंग के बैनर तले सड़कों पर उतर कर इस मांग को लेकर कॉलेज के मुख्य द्वार पर घण्टो प्रदर्शन किया.आदिवासी समाज के सैकड़ो महिला पुरुष बच्चे अपने पारंपरिक वाद्य यंत्र धमसा, मादल और हथियार धनुष तीर-कमान लेकर रानीगंज के पंजाबी मोड़ के ओवर ब्रिज से रैली के माध्यम से अपना विरोध प्रदर्शन शुरू किया. इस विरोध प्रदर्शन में संगठन के सुकू मुर्मू,बुबन मंडी,सैलमन मंडी,संजय हेम्ब्रम,परिमल हेम्ब्रम,भक्ता मंडी, सीमा मंडी,लखी नारायण मुर्मू, हिरण्मय,मोहन सोरेन,मंगला हांसदा आदि मुख्य रूप से इस प्रदर्शन का नेतृत्व दे रहे रहे थे. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं तब तक वे टीडीबी कॉलेज में अपनी स्थिति को लेकर प्रदर्शन करते रहेंगे. इस दिन के विरोध मार्च और विरोध कार्यक्रम में विभिन्न जिलों से आदिवासी संगठनों के कई स्थानीय नेता आये थे . उनका कहना है कि टीडीबी कॉलेजों के पास आदिवासियों को सुव्यवस्थित रूप से वंचित करने के लिए शैक्षिक बुनियादी ढांचा होने के बावजूद संथाली भाषा के लिए कोई प्रावधान नहीं किया जा रहा है, और ऐसा सिर्फ इसलिए हुआ क्योंकि प्रबंधन समिति ने सही निर्णय नहीं लिया. इस विशाल विरोध प्रदर्शन को सही ढंग से संपन्न कराने के लिए भारी संख्या में पुलिस प्रशासन और यहां तक कि पुलिस के उच्च पदस्थ अधिकारी भी मौजूद रहे. किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए लाठीधारी पुलिस के साथ-साथ महिला पुलिस और यहां तक कि आंसू गैस के गोले भी रखे गए थे .इस बीच, किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए रानीगंज के त्रिवेणी देवी वालोटिया कॉलेज परिसर में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात की गई. दोपहर करीब 11:30 बजे पंजाबी मोड़ से जुलूस शुरू हुआ और कॉलेज परिसर तक पहुंचा. वहीं इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने मातृभाषा में पढ़ाई की मांग करते हुए कॉलेज में संथाली भाषा शुरू करने की मांग करते हुए कॉलेज में बंद पड़ी शिक्षा व्यवस्था को अविलंब सुचारू रूप से शुरू करने की मांग करते हुए नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. युवा लड़के, लड़कियों और छात्रों ने इस विरोध मार्च में नारे लगाए. इस बारे में संगठन के राज्य पर्यवेक्षक भुवन मांडी ने बताया कि 2017 से रानीगंज के टीडीबी कॉलेज में आदिवासी समाज के लोग संथाली भाषा और आलचीकी लिपि में कॉलेज में पढ़ाई के लिए मांग करते आ रहे हैं लेकिन कुछ अज्ञात कारणों से उनकी मांग पूरी नहीं की जा रही है इसलिए आज यह विरोध जुलूस निकाला गया उन्होंने कहा कि वह लोग आदिवासी हैं शायद इसीलिए उनकी मांग नहीं मानी जा रही है ताकि आदिवासी समाज के लोग पढ़ लिख ना सके और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक न हो सके.जबकि राज्य के विभिन्न कॉलेज, विश्वविद्यालय में अलचीकी लिपि में पढ़ाई लिखाई चालू कर दी गई है लेकिन यहां पर यह मांग नहीं मानी जा रही है जबकि रानीगंज आसपास के क्षेत्र में बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं .जिनको अपनी भाषा में पढ़ाई लिखाई करने के लिए या तो आसनसोल जाना पड़ता है या पुरुलिया जाना पड़ता है .उनकी मांग है कि जब तक आदिवासी समाज के मांग नहीं मानी जाएगी तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। वहीं.
इस दिन ज्ञापन सौंपने के दौरान जब प्रभारी शिक्षक मोबिनुल इस्लाम से पूछा गया कि टीडीबी कॉलेज में संथाली भाषा में पढ़ाई की व्यवस्था क्यों नहीं की गयी है, तो उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है, इसलिए कोई पहल नहीं की गयी है इस वजह से इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया जा सका प्रभारी शिक्षक मोबिनुल इस्लाम का कहना है कि कॉलेज प्रशासन ने उन्हें व्यक्तिगत पहल पर यह संथाली भाषा सिखाने का निर्देश दिया है. हालाँकि, कॉलेज के स्वयं के फंड पर इस शिक्षा प्रणाली की शुरुआत करने की पहल की जाएगी.संगठन के लोगो का कहना है कि कॉलेज के अधिकारी इस शिक्षा प्रणाली को शुरू नहीं करना चाहते है, जबकि उन्हें एक साल पहले ही इस शिक्षा प्रणाली को अपनाने के लिए आश्वाशन दिया गया था. कॉलेज में तीन आदिवासी शिक्षक भी है,बीते वर्ष दो शिक्षक की नियुक्ति के लिए इंटरव्यू भी लिया गया था,उसके बावजूद भी यहां संथाली भाषा को पाठ्यक्रम में शामिल नही किया जा रहा है. उनका दावा है कि इस तरह आदिवासियों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करने से वंचित किया जा रहा है,परन्तु हम अपना अधिकार प्राप्त करके रहेंगे.
माइकिंग के असर से ज्ञान भारती स्कूल रहे बंद
रानीगंज- रानीगंज के टीडीबी कॉलेज में संथाली भाषा की शिक्षा शुरू करने की मांग को लेकर शुक्रवार संथाली समुदाय के संगठन दिशम आदिवासी गांवता की तरफ से फाइट फॉर मदर टँग के बैनर तले पंजाबी मोड़ से कॉलेज गेट तक एक विरोध रैली निकाली गई. इसको लेकर बीते कल पूरे रानीगंज शहर में संगठन की और से माइकिंग की गई थी. बताया जा रहा है कि उसे माइकिंग का असर इतना ज्यादा हुआ कि आज रानीगंज के कई स्कूलों ने अपने विद्यार्थियों को स्कूल आने से मना कर दिया. रैली के मार्ग पर पड़ने वाले ज्ञान भारती स्कूलों को आज बंद कर दिया गया ,क्योंकि स्कूल प्रबंधन को आशंका हुई की रैली की वजह से छोटे-छोटे विद्यार्थियो को काफी असुविधा का सामना करना पड़ सकता है.










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