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घायल सोनू सिंह ने स्वीकार किया कि वही है रानीगंज डकैती कांड का मुख्य सरगना

मेन हेड: मई माह में 12 दिनों तक अंडाल थाना क्षेत्र में रहकर की थी रेकी



रानीगंज-सोमवार को एडीपीसी की टीम ने उसे किया गिरफ्तार, इलाज के लिए धनबाद से पहुंचाया बर्दवान मेडिकल कॉलेज, जहां मंगलवार की सर्जरी करके पेट से निकाली गयी गोली

रानीगंज के साथ कुछ अन्य इलाकों में भी बड़े शोरूम को भी रखा था अपने निशाने पर, कहा स्थानीय किसी को नहीं लिया था अपने साथ

 रानीगंज.- रानीगंज में सेनको गोल्ड एंड डायमंड शोरूम में डकैती कांड का मुख्य सरगना सिवान (बिहार) जिला के शीशवन थाना क्षेत्र के रामगढ़ इलाके का निवासी सोनू सिंह है. उसने पुलिस के समक्ष इस बात को स्वीकार किया. यह वही है जिसे रानीगंज में पुलिस अधिकारी के साथ मुठभेड़ में पेट में गोली लगी थी. गिरिडीह (झारखंड) जिला के सरिया थाना पुलिस ने उसे अपने इलाके के कोयरीडीह जंगल से सोमवार को पकड़ा था. उसे इलाज के लिए शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज धनबाद में भर्ती किया गया. चिकित्सकों ने उसे बेहतर इलाज के लिए रांची में रेफर किया. आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट (एडीपीसी) की टीम ने झारखंड के पुलिस अधिकारियों से बात करके सोनू को गिरफ्तार किया और उसे बेहतर इलाज के लिए बर्दवान मेडिकल कॉलेज में दाखिल किया गया. जहां मंगकवार को उसका ऑपरेशन हुआ. पुलिस ने इसकी सूचना अदालत को दे दी कि गिरफ्तार आरोपी का इलाज चलने के कारण उसे अदालत में हाजिर नहीं किया जा सका है. अस्पताल से छुट्टी मिलते ही उसे अदालत में हाजिर किया जाएगा. सोनू पर एडीपीसी के दो थाना क्षेत्रों में दो अलग-अलग मामला दर्ज है. रानीगंज थाना क्षेत्र में डकैती को लेकर दर्ज कांड संख्या 188/24 में आइपीसी की धारा 395/397/307/186/333/353/427/506 और 25/27/35 आर्म्स एक्ट के तहत और आसनसोल साउथ थाना क्षेत्र में कार लूटने व कार मालिक को गोली मारने को लेकर दर्ज कांड संख्या 178/24 में आइपीसी की धारा 394/397/307 और 25/27 आर्म्स एक्ट के तहत प्राथमिकी हुई है. सूत्रों के अनुसार अस्पताल से लौटते ही पुलिस दोनों मामलों में अलग-अलग रिमांड पर लेने की प्रक्रिया अपनाएगी. 



12 दिनों तक सोनू अंडाल थाना क्षेत्र इलाके में रहकर की थी रेकी 


गोली लगने से घायल सोनू से पुलिस ज्यादा पूछताछ नहीं कर पायी है. उसकी हालत खराब थी. पेट में गोली लिए हुए 34 घंटा बीत चुका था, जब उसे धनबाद मेडिकल कॉलेज में दाखिल किया गया. अस्पताल लाने के क्रम में ही पुलिस अधिकारियों के साथ उसकी कुछ देर तक बात हुई. जिसमें उसने बताया कि कांड का मुख्य सरगना वही है. पूरे कांड को उसी ने प्लान किया है. इसके लिए वह मई माह में 12 दिनों तक अंडाल थाना क्षेत्र इलाके में रहकर इसकी रेकी की थी. उसके साथ दो लोग और रेकी में शामिल थे. स्थानीय किसी को उसने इस काम में साथ नहीं रखा है. स्थनीय को रखने से पकड़े जाने की संभावना काफी ज्यादा होती है. रानीगंज सेनको गोल्ड के अलावा वह अपने टीम के साथ दुर्गापुर, बांकुड़ा, आसनसोल में भी कुछ बड़े शोरूम की रेकी की थी.


 सबसे भीड़भाड़ वाला जगह होने के बावजूद उनलोगों ने रानीगंज को क्यों चुना?


रानीगंज शहर जाम के लिए मशहूर है. यहां की लाइफलाइन एनएसबी रोड में साढ़े तीन किलोमीटर की दूरी पार करने में 20-25 मिनट का समय लगता है. हर मोड़ पर ट्रैफिक पुलिस के जवान तैनात रहते हैं. डकैती के लिए रानीगंज को उनकी पहली पसंद क्यों बनी? इसके जवाब में कहा कि प्लान पूरा सही था. रविवार के दिन भीषण गर्मी में सड़क पर भीड़ काफी कम रहती है. इसलिए दोपहर साढ़े बारह बजे का समय चुना गया. रविवार को सड़क पर साढ़े बारह बजे भीड़ नहीं थी. सब कुछ प्लान के हिसाब से था. डकैती शुरू होने के दो मिनट के अंदर पुलिस आकर गोली चला देगी, यह कभी नहीं सोचा था. गोली लगने के बाद वहां से किसी तरह बच कर निकलने में भी कामयाबी मिल गयी. झारखंड में आकर पकड़ा गया. अन्य तीन साथी बाइक पर थे. वे लोग किधर से कहां निकले इसकी जानकारी उसके पास नहीं है.


कोयरीडीह जंगल में रातभर पड़ा रहा सोनू, निकलने के लिए बुलाया था स्कूटी


घायल सोनू को उसके दो साथी अकेले जंगल में छोड़कर निकल गये. उन्हें डर था कि सोनू को साथ लेंगे तो वे भी पकड़े जाएंगे. वे लोग कुछ गांववालों ट्रेन पकड़ने के लिये नजदीकी स्टेशन का भी रास्ता पता किया. जिसकी जानकारी बाद में गांववालों ने पुलिस को दी. इस बीच रातभर सोनू जंगल में ही पड़ा रहा. उसके पेट में गोली लगी थी और वह चलने में भी असमर्थ था. उसके पास मोबाइल फोन था, उसने भागने के लिए एक स्कूटी की व्यवस्था की थी. स्कूटीवाला उसे जंगल से उसे जंगल से निकालने के लिए आया लेकिन पुलिस की नाकाबंदी और जंगल में चल रहा तलाशी अभियान को देखकर वह डर कर लौट गया और सोनू का जंगल से निकलने का रास्ता बंद हो गया. जंगल में लकड़ी चुनने आये कुछ लोग उसे घायल अवस्था में देख अन्य गांववालों को बताया. इसकी जानकारी पुलिस तक पहुंची और पुलिस उसे अपने साथ ले आयी. पुलिस के पकड़ में आ जाने से उसके जिंदा रहने की संभावना बन गयी.


किस रास्ते प्रवेश किये झारखंड नहीं पता चला अबतक, पुलिस देख डुबुडी से ले लिया था यू टर्न


आसनसोल में कार छीनने के बाद सोनू के साथ गोपालगंज का सूरज सिंह जिसे पुलिस के गिरफ्तार किया है और उसके दो अन्य साथी झारखंड होकर बिहार निकलना चाहते थे. उनके पास रुट की जानकरी नहीं थी. गूगल मैप के सहारे वे लोग बिहार निकलना चाहते थे. सीसीटीवी फुटेज के अनुसार ये लोग कुल्टी थाना क्षेत्र के डुबुडी नाका होकर निकलनेवाले थे, लेकिन नाका पर पुलिस की जांच देखकर ये लोग कार को यूटर्न ले लिया. उसके बाद किस रास्ते से ये लोग झारखंड में प्रवेश किये इसकी जानकारी फिलहाल किसी के पास नहीं है. कार सूरज चला रहा था, वह भी पुलिस को नहीं बता पा रहा है कि वह किस रास्ते से निकला. उसने पुलिस को सिर्फ इतना बताया कि गूगल मैप के सहारे अनेकों गलियोंवाले रास्ते से होकर वे लोग भागने में सफल रहे. पुलिस संभावित हर सीसीटीवी का फुटेज खंगाल रही है.

सीवान, गोपालगंज व सारण जिले में लूटकांड समेत कई मामलों में है वांछित है सोनू

- सोनू कंप्यूटर इंजीनियर है,जो साइबर क्राइम के रास्ते अपराध के दुनिया में हुआ शामिल

सीवान जिला के सिसवन थाना के रामगढ़ का कुख्यात बदमाश विश्वजीत गुप्त उर्फ सोनू सिंह उर्फ सोनू गुप्ता की पुलिस आपराधिक कुंडली खंगालने में जुटी है. दो दिन पूर्व रानीगंज में सेनको गोल्ड में 1.83 करोड़ रुपये का सोने का जेवरात लूटा था. इस घटना के दौरान पुलिस के गोली से सोनू घायल हो गया था. जिसका बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज चल रहा है.

इस घटना की सूचना मिलने के बाद सीवान पुलिस भी सोनू के संबंध में जानकारी एकत्रित करने में जुटी है. बताया जाता है कि किसी मामले में सोनू सीवान मंडल कारा में बंद था. जहां से जमानत पर बाहर आया है. इसके बाद ही वह एक बार फिर अपने अन्य साथियों के साथ रविवार को रानीगंज थाना क्षेत्र में घटना को अंजाम दिया. इस दौरान भागते समय पुलिस के गोली का शिकार हो गया. बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है.


विश्वजीत उर्फ सोनू पर वर्ष 2019 में 11 अक्टूबर को सीवान जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र में सर्वोदय विद्यालय के समीप बंधन बैंक कर्मी से 68 हजार 955 रुपये की लूट की थी. चैनपुर स्थित बंधन बैंक में वर्ष 2022 के दिसंबर माह में हुयी लूट कांड में भी सोनू का नाम आया था. पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर इसे आरोपित की थी.चैनपुर -रसुलपुर मुख्य मार्ग पर बंगरे की बारी के समीप मोटरसाइकिल लूट की घटना को अपने साथियों के साथ मिलकर अंजाम दिया था.इसके अलावा सोनू गुप्ता पर चैनपुर थाने में अन्य आधा दर्जन आपराधिक मामले दर्ज हैं. सारण जिले के एकमा थाना क्षेत्र के भरहोपुर स्थित स्टेट बैंक में लूट कांड में भी सोनू नामजद है. पुलिस ने लूटकांड के दौरान के सीसीटीवी का हार्ड डिस्क सोनू के पास से बरामद की थी. वर्ष 2022 के 29 मई को गोपालगंज के माझा गढ़ बाजार में आभूषण दुकान व थावे थाना क्षेत्र के स्टेशन रोड स्थित के आभूषण दुकान में हुयी डकैती में भी शामिल रहा. 3 सितंबर 2022 में गोपालगंज पुलिस माझागढ थाना क्षेत्र के छितौली नहर के पास से देसी पिस्टल, आठ कारतूस, 530 ग्राम चरस के साथ तीन साथियों संग गिरफ्तार की थी. पुलिस के मुताबिक यह कंप्यूटर इंजीनियर है.जो छपरा के काशी बाजार में लॉज में रहर कर पढ़ाई करता था.वहीं से साइबर क्राइम के माध्यम से अपराध की दुनिया में शामिल हुआ. चैनपुर थाना प्रभारी श्रवण पाल ने इन घटनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि उसके एक साथी के भदौर के मठिया गांव में गिरफ्तारी के लिये छापेमारी की गयी.

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