जितेंद्र ने तृणमूल नेताओं पर मुआवजे के नाम पर चंदा वसूलने लगाया गंभीर आरोप, दासू ने किया पलटवार कहा मीडिया में बने रहने के लिए देते हैं भ्रमित बयान




आसनसोल : पूर्व मेयर सह भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी ने शुक्रवार को अपने आवासीय कार्यालय पर एक प्रेस वार्ता के दौरान तृणमूल कांग्रेस पर जमकर हमला बोला।उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पर कंबल वितरण कांड के दौरान हुए 3 लोगों की मौत पर उनके परिजनों को सहायता देने के नाम पर लगभग ₹60 लाख चंदा वसूली करने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने द्वारे सरकार पर भी सवालिया निशान लगाया। दीदी की सुरक्षा कवच योजना पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी। अड्डा से अनापत्ति पत्र नहीं लेने को लेकर निकाले गए सूची को लेकर तापस बनर्जी को भी आड़े हाथ लिया।प्रेस वार्ता के दौरान जितेंद्र तिवारी ने कहा कि आज से 1 माह पहले कंबल वितरण के दौरान एक दुर्घटना हुई।जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई।तृणमूल कांग्रेस शव पर राजनीति की। पुलिस के माध्यम से जो लोग कोरोना के समय लोगों के साथ खड़े रहे। जो हमेशा समाज सेवामूलक कार्य करते हैं। ऐसे लोगों को फंसाकर जेल में डाल दिया। वह अभी भी जेल में है और कोयला, बालू, जमीन माफिया इन नेताओं के साथ बाहर घूम रहे हैं। यही नहीं यहां के मंत्री, मेयर, कोलकाता के भी कई मंत्री मृतकों के घर पर गए। सांत्वना दिया कि सरकार उनके साथ है। उन्हें निगम के तरफ से एक नौकरी देने की बात कही गई।लेकिन आज एक महीना हो गया। लेकिन अभी तक किसी को नौकरी नहीं मिली है। हमलोगों को जहां तक जानकारी है कि यह नौकरियां दूसरे को देने की साजिश की जा रही है। इन लोगों ने जमुड़िया, पांडेश्वर,रानीगंज कुल्टी,आसनसोल दक्षिण, आसनसोल उत्तर,बराबनी में जुलूस निकाल कर जवाब पूछे। लेकिन दुर्घटना का कोई क्या जवाब दे सकता है।जबकि यह लोग घटना घटाते हैं और उसका जवाब नहीं देते हैं।तृणमूल नेताओं ने इन सभी जगहों से पिड़ित परिवारों को सहायता देने के नाम पर लगभग ₹60 लाख वसूली किए। लेकिन यह पैसा पीड़ित परिवार को नहीं मिला।यदि यह पैसा इन लोगों को मिल जाए तो प्रत्येक परिवार को ₹20 लाख का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि मेरा सवाल है कि आखिर यह पैसा कहां गया।यह पैसा और नौकरी उन परिवारों को मिलना चाहिए। क्योंकि टीएमसी का कहना है कि वह पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं।यह अच्छी बात है। लेकिन पीड़ित परिवार का कोई लाभ नहीं हो रहा है। जितेंद्र तिवारी यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि आज एडीडीए अनापत्ति पत्र नहीं लेने को लेकर सूची निकाले हैं। लेकिन नगर निगम का जो आयुक्त होता है। वह अड्डा का सीईओ है। जब निगम से प्लान पास हुआ,तो अड्डा का उसी समय क्यों नहीं रोक दिए।दरअसल यह सूची निकालकर अड्डा चेयरमैन ने वसूली करने वालों को एक और अवसर दे दिया है।फिर इन लोगों से वसूली की जाएगी। जो पंचायत चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के कार्य आएगी।यदि अड्डा चेयरमैन वास्तव में इस पर इमानदारी पूर्वक कार्य कर रहे हैं, तो उन्हें पुलिस को लेकर कार्य करना चाहिए।अदालत में जाना चाहिए।उनके बगल में ही डीएम है। उनसे बात कर एक्शन लेना चाहिए।लेकिन यह सूची निकालना केवल आई वास है। यदि अड्डा चेयरमैन की बात पुलिस प्रशासन नहीं मान रहा है, ते उन्हें इस्तीफा दे देनी चाहिए। जिस तरह कि मुझे लगा कि मैं जो आसनसोल बनाने का सपना देख रहा हूं।वह नहीं हो रहा है, तो मैंने इस्तीफा दे दिया। जितेंद्र तिवारी ने द्वारे सरकार कार्यक्रम पर भी सवालिया निशान उठाया कहा कि इस योजना के तहत पंचायत, नगर निगम और नगर पालिका के अधिकार को संकुचित कर दिया गया। द्वारे सरकार का मतलब की पंचायत और नगर निगम को अधिकार देना है। लेकिन उनसे उनका अधिकार छीन कर प्रशासन तंत्र को दे दिया गया।1 वार्ड में कहां, क्या कार्यक्रम होगा वह पार्षद को पता नहीं रहता है। इसका कार्यक्रम डीएम कार्यालय में बनता है। जबकि संविधान भी कहता है कि केंद्र, राज्य के अलावा आम जनता के लिए अपना सरकार होनी चाहिए। जिसे स्थानीय स्तर पर पंचायत या नगर निगम कहते हैं।

जिसको संकुचित करने का कार्य इस योजना के तहत राज्य सरकार ने की है। उन्होंने दीदी के सुरक्षा कवच योजना पर भी प्रहार करते हुए कहा कि इस योजना के साथ दीदी का नाम इसलिए जोड़ा गया है कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता यदि इस तरह जाएंगे, तो जनता इतना गुस्सा में है कि इनकी पिटाई करेंगे। लेकिन दीदी के दूत होने से वे भयभीत हो जाएंगे। क्योकिं यदि इनको कुछ किया गया तो पुलिस आ जाएगी। उन्हें झूठा मुकदमा में फंसा दिया जाएगा। वही पलटवार करते हुए तृणमूल कांग्रेस के राज्य सचिव वी शिव दासनदासु ने कहा कि भाजपा ने कंबल वितरण करके ऐसी स्थिति पैदा कर दी है कि अब लोग कंबल वितरण के नाम से भयभीत होने लगे हैं। जो साजिश किए हैं। उन्हें पुलिस अवश्य पकड़ेगी। उन्होंने कहा कि चंदा वसूली तृणमूल कांग्रेस ने नहीं किया है,बल्कि भाजपा ने चंदा वसुला है।नौकरी देने के मामले में कहा कि अभी तक पीड़ित परिवार के तरफ से निगम को पत्र नहीं दिया गया है कि किसे नौकरी लेना है। जब तक परिवार के तरफ से मेयर को पत्र नहीं दिया जाएगा।तब तक मेयर किसको नौकरी देंगे। उन्होंने अड्डा के अनापत्ति पत्र के मामले में कहा कि 2020 तक जितेंद्र तिवारी स्वयं में मेयर थे।1 वर्ष में प्रशासक पद पर भी रहे। यह सूची में जितने अपार्टमेंट बने है। सबका अनुमति उनके ही समय में दी गई है, तो क्या वे पैसा लेकर इसकी अनुमति दिए थे। यह बोर्ड केवल 10 महीने हुई है। अभी तक विधान उपाध्याय ने कितना प्लान की अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि जब वे मेयर और जिलाध्यक्ष थे। तब वे जनता के पास चार वैन पुलिस और दो वैन गुंडा लेकर जाते थे। आज कोई भी टीएमसी का नेता पुलिस को लेकर जनता के पास नहीं जा रही है। उन्होंने कहा कि जितेंद्र तिवारी यहां नहीं रहते हैं। जब वे कोलकाता से आते हैं। दो-चार दिन के लिए मीडिया में भ्रमित बयान देकर बम फोड़ते हैं। ताकि वह मीडिया में बने रहें। बयानबाजी करने से राजनीति नहीं होती। वह दिखाना चाहते हैं कि मैं आसनसोल आ गया फिर वह भाग जाएंगे। फिर 4 दिन के लिए आएंगे और इस तरीका भ्रमित बयान बाजी करेंगे।

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