रानीगंज-महाशिवरात्रि के अवसर पर रानीगंज के विभिन्न शिव मंदिरों में प्रातः से ही पूजा अर्चना एवं शिव अभिषेक चलता रहा. इस अवसर पर विभिन्न शिव मंदिरों से कलश यात्रा एवं बैंड बाजे के साथ शोभा यात्रा भी निकाली गयी.
रानीगंज के ईस्ट कॉलेज पाड़ा स्तिथ श्री श्री सिद्धीदाता शिव मंदिर से भव्य शोभा यात्रा निकाली गयी.जिसमें 351 महिलाओं ने जल से भरे कलश लेकर पूरे शहर का परिक्रमा किया .इस शोभा यात्रा में तरह-तरह के झांकी मुख्य आकर्षण थे. साधु, संत एवं देवी देवताओं की झांकी इसमें शामिल थी.इस शोभा यात्रा में वार्ड नम्बर 88 के नव निर्वाचित पार्षद नेहा साव एवं वार्ड नम्बर 36 के पार्षद दिवेन्दु भगत के अलावा मंदिर कमिटी के प्रवीण पांडेय,बड्डू साव ,टूटू साव ,करण साव,छोटू साव,मन्नू रॉय आदि उपस्थित थे. प्रवीण पांडेय ने बताया कि बीते 24 वर्षो से यह आयोजन मंदिर कमिटी द्वारा की जा रही है. वहीं दूसरी ओर हटिया तलाब श्री चैताल काली मंदिर से 108 महिलाओं द्वारा कलश यात्रा निकाली गयी. जो पूरे अंचल की परिक्रमा किया.मंदिर कमिटी की और से संतोष सिंह एवं प्रियंक मण्डल ने बताया कि बीते 25 से महाशिवरात्रि पर यह कलश यात्रा निकाली जाती है. गिरजापाड़ा स्तिथ श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर से भी 101 महिलाओं द्वारा बाजे गाजे के साथ कलश एवं शोभायात्रा निकाली गई. संस्था की ओर से गणेश साव ने बताया कि बीते तीन वर्षों से प्रत्येक शिवरात्रि के दिन पूरा दिन भर धार्मिक अनुष्ठान होता है. इस मंदिर में आज ही के दिन पंचमुखी हनुमान का प्राण प्रतिष्ठा हुआ था .पंडित विजय पांडेय एवं संदीप पाठक के द्वारा श्री हनुमान प्रभु की पूजन हवन की गयी. सन्ध्या स्थानीय कलाकारों द्वारा भजन कीर्तन के साथ महाप्रसाद की व्यवस्था की गयी. यहां उपस्थित सीए महेंद्र साव ने बताया कि यह बहुत ही जागृत मंदिर है. मान्यता है कि भगवान हनुमान का पंचमुखी होने का अर्थात किसी भी क्षेत्र में किसी भी दिशा से दुख विपत्ति आने पर पंचमुखी हनुमान उन विपत्तियों को हर लेते हैं.आयोजन को सफल बनाने में उत्तम सिंह,राजेश सिंह,परमानन्द सिंह,उत्तम भगत,मनोज शाव,श्याम सुंदर गुप्ता आदि की अहम भूमिका रही.बड़ा बाजार हनुमान मंदिर में भी सुबह से भक्तों का और से शिव अभिषेक का दौर चलता रहा एवं यहां के पंडितों ने सामूहिक रुद्राभिषेक किए ,जिसका प्रमुख संयोजक पण्डित विद्या भूषण पाठक थे. रानीगंज कॉलेज पाड़ा स्तिथ शिव मंदिर में भी बैद्यनाथ धाम के परंपरा के अनुसार यहां पूजा अर्चना की गयी. रानीसायर के जोड़ा मंदिर में सैकड़ों की संख्या में भक्तों ने जलाभिषेक किये.









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