नदिया, पश्चिम बंगाल: नदिया जिले के माटियारी गांव में 'लक्ष्मी भंडार' योजना के तहत आने वाली राशि को लेकर एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक महिला को पिछले दो सालों से उसकी योजना की राशि नहीं मिल रही है, क्योंकि वह गलती से किसी और महिला के जॉइंट अकाउंट में जा रही है। जब पीड़िता ने अपनी राशि वापस मांगी, तो उससे 'कटमनी' (हिस्सा) की मांग की गई।
क्या है पूरा मामला?
माटियारी गांव की अंजना चक्रवर्ती ने 2021 में 'लक्ष्मी भंडार' योजना के लिए आवेदन किया था, लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी उनके खाते में पैसा नहीं आया। जब उन्होंने बैंक और बीडीओ कार्यालय में शिकायत की, तो उन्हें पता चला कि उनकी राशि श्यामा देवी महलदार और उनके पति के जॉइंट अकाउंट में जा रही है। हैरानी की बात यह है कि श्यामा देवी को उनकी खुद की 'लक्ष्मी भंडार' राशि उनके व्यक्तिगत खाते में मिल रही है।
कटमनी की मांग
प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद श्यामा देवी ने एक बार दो साल की राशि (₹21,500) अंजना देवी को लौटा दी थी। हालांकि, जब अंजना ने आगे की राशि मांगी, तो श्यामा देवी ने उनसे आधा हिस्सा देने को कहा। उन्होंने धमकी दी कि अगर उन्हें कटमनी नहीं मिला, तो वह बैंक नहीं जाएंगी और अंजना को उसकी राशि नहीं मिलेगी।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
पीड़िता अंजना देवी का आरोप है कि श्यामा देवी सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की समर्थक हैं, जिसकी वजह से प्रशासन इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। दूसरी ओर, बीजेपी ने इस घटना को टीएमसी सरकार की योजनाओं और प्रशासन की विफलता का उदाहरण बताया है।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
कृष्णगंज के बीडीओ सौगत साहा ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी है और वे जल्द ही सुनिश्चित करेंगे कि अंजना देवी की राशि उनके सही खाते में जाए। वहीं, श्यामा देवी ने कटमनी मांगने के आरोपों से इनकार किया है, लेकिन यह स्वीकार किया कि अंजना देवी की राशि उनके जॉइंट अकाउंट में आ रही है।
यह घटना 'लक्ष्मी भंडार' जैसी महत्वपूर्ण योजना के क्रियान्वयन में मौजूद कमियों और भ्रष्टाचार को उजागर करती है, जिससे गरीबों को मिलने वाले लाभ भी प्रभावित हो रहे हैं।
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