कोलकाता (पीबी टीवी ) पश्चिम बंगाल के भांगर में एक सनसनीखेज घटना सामने आई है, यहां तृणमूल कांग्रेस के नेता रज्जाक खान की गोली मारकर हत्या कर दी गई. जानकारी अनुसार तृणमूल कांग्रेस नेता रज्जाक खान की घर जाते वक्त हत्या कर दी गई, वे एक पार्टी के कार्यक्रम में शामिल होकर दक्षिण 24 परगना जिले के भांगर स्थित अपने घर लौट रहे थे. स्थानीय लोगों का दावा है कि बदमाश सड़क किनारे झाड़ियों में छिपे हुए थे और घात लगाए बैठे थे, जैसे ही रज्जाक की बाइक काशीपुर के बिजयगंज पहुंची तभी बदमाशों ने झाड़ियों से निकलकर गोलीबारी शुरू कर दी. इसके बाद तृणमूल कांग्रेस नेता गोलियों से छलनी होने के बाद जमीन पर गिर पड़े. मौत की पुष्टि करने के लिए बदमाशों ने धारदार हथियारों से भी उनपर ताबड़तोड़ वार किए.रज्जाक खान लंबे समय से इलाके में पार्टी संगठन से जुड़े हुए थे.वह तृणमूल विधानसभा समिति के सदस्य भी थे। स्थानीय लोगों का मानना है कि हमले के पीछे उनकी लोकप्रियता एक वजह हो सकती है.
खबर मिलते ही कैनिंग पूर्व विधायक शौकत मुल्ला इलाके में पहुँचे. उन्होंने आरोप लगाया कि यह हमला उस समय हुआ जब वह दो बैठकें पूरी करके घर लौट रहे थे. शौकत मुल्ला ने दावा किया कि हत्या के पीछे आईएसएफ समर्थित बदमाशों का हाथ है.
रज्जाक खान को कैनिंग पूर्व विधायक शौकत मुल्ला का करीबी बताया जाता है. इस बात को लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं कि यह हमला राजनीति से प्रेरित था या नहीं. घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया है। स्थानीय तृणमूल कार्यकर्ता और समर्थक दोषियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए . इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है . प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बदमाश बाइक पर आए और गोलियां चलाकर फरार हो गए . पुलिस सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है। हालाँकि, आईएसएफ की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है .
घटना के बाद कोलकाता पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा मौके पर पहुंचे और मोर्चा संभालते हुए जांच शुरू दी. इसके तहत उन्होंने सबसे पहले अपराधियों की तलाश के लिए खोजी कुत्तों को सर्च के लिए तैनात कराया और घटनास्थल के आस-पास के इलाकों की छानबीन शुरू करवाई. इसके साथ ही इलाके की घेराबंदी की गई है. तृणमूल नेताओं ने दावा किया कि यह इंडियन सेक्युलर फ्रंट के लोगों का काम था. वहीं अब तक हत्या से जुड़े मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया गया है. रज्जाक खान की हत्या ने बंगाल की राजनीति में एक बार फिर हिंसा और प्रतिद्वंद्विता के मुद्दे को सामने ला दिया है. पुलिस की जांच जारी है और अब पूरे राज्य की नजर इस मामले की प्रगति पर टिकी हुई है.
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