कोलकाता (पीबी टीवी )तृणमूल छात्र परिसद के छात्र नेता शुभ रंजन सिंह की काली करतूतें एक बार फिर सामने आई हैं। इस बार उन्होंने अशोक स्तंभ के प्रतीक चिन्ह के साथ एक फर्जी विजिटिंग कार्ड छपवाया, जिसमें उन्हें रेलवे रिक्रूटमेंट पैनल का 'रिक्रूटर' बताया गया है। कार्ड पर एक तरफ अशोक स्तंभ की तस्वीर है, तो दूसरी तरफ उनका नाम और फर्जी पद – "रेलवे रिक्रूटमेंट पैनल रिक्रूटर" – लिखा हुआ है।बताया जा रहा है कि शुभ रंजन ने यह फर्जी विजिटिंग कार्ड बड़ी संख्या में लोगों को बांटे हैं। अब तक कितने लोग इस फ्रॉड का शिकार हुए हैं, इसकी जानकारी अभी नहीं मिल पाई है। लेकिन इस घटना ने रेलवे की सुरक्षा और देश की आंतरिक सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।पूर्व सांसद अर्जुन सिंह ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए सीधे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर शिकायत की है। उन्होंने शुभ रंजन के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों के उपयोग और धोखाधड़ी की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। बैरकपुर के पूर्व सांसद अर्जुन सिंह ने कहा है, "यह देश की सुरक्षा और रेल व्यवस्था की गरिमा से जुड़ा मामला है। एक छात्र नेता इस तरह की फर्जी पहचान बनाकर न जाने कितनों को ठग चुका है। इसकी गहन जांच होनी चाहिए।"वहीं, सीपीआईएम नेत्री गार्गी चट्टोपाध्याय ने आरोप लगाया है कि यह सिर्फ फर्जी दस्तावेज़ का मामला नहीं, बल्कि एक बड़ा ठगी रैकेट है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सारा खेल सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के संरक्षण में हो रहा है।सीपीआईएम की राज्य कमेटी सदस्य गार्गी चट्टोपाध्याय ने कहा , "तृणमूल कांग्रेस मतलब तोलाबाजी। और यही तोलाबाजी करने के लिए शुभ रंजन सिंह जैसे लोग फर्जी दस्तावेज बनवाकर पूरे राज्य में फैला रहे हैं। यह सिर्फ राजनीति नहीं, अपराध है।" अब देखना होगा कि रेल मंत्रालय इस पूरे मामले में क्या कदम उठाता है, और क्या शुभ रंजन सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होती है या मामला यूं ही दबा दिया जाएगा।
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