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सभा को संबोधित करते सोहराब अली |
रानीगंज- तृणमूल कांग्रेस के पूर्व पार्षद और जुझारू नेता स्वर्गीय कंचन तिवारी की स्मृति में रानीगंज के सीतलदास कॉलोनी में एक भावभीनी स्मरण सभा का आयोजन किया गया. इस अवसर पर एक रक्तदान शिविर और स्वास्थ्य चिकित्सा शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया.कार्यक्रम में क्षेत्र के विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक और विधिक क्षेत्रों से जुड़े कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित हुए और स्व. तिवारी के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा व्यक्त की.
सोहराब अली ने कंचन तिवारी के संघर्ष को किया याद:
सभा को संबोधित करते हुए रानीगंज के पूर्व विधायक सोहराब अली ने स्वर्गीय कंचन तिवारी को एक निडर, संघर्षशील और कर्मठ नेता बताया. उन्होंने विशेष रूप से माकपा के आतंक के विरुद्ध तिवारी के लंबे और अथक संघर्ष को याद किया.सोहराब अली ने कहा कि एक समय था जब रानीगंज माकपा के आतंक का गढ़ बन चुका था, और उस दौर में बड़े तृणमूल कांग्रेस नेता भी यहां आने से कतराते थे. ऐसे कठिन समय में कंचन तिवारी जैसे युवा नेताओं ने बिना किसी डर के तृणमूल कांग्रेस का झंडा थामे संघर्ष किया और कम्युनिस्ट पार्टी की सत्ता को चुनौती दी. उन्होंने वर्तमान पार्टी स्थिति पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि आज कई ऐसे लोग पार्टी में शामिल हो गए हैं जिन्होंने कभी आंदोलन का कष्ट नहीं झेला, लेकिन अब खुद को ताकतवर नेता बताकर पार्टी में स्थान बना चुके हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पुराने, समर्पित और संघर्षशील कार्यकर्ताओं को फिर से आगे लाना आवश्यक है.
परवेज आलम ने समर्पित नेताओं के सम्मान पर बल दिया:
तृणमूल कांग्रेस के जिला सचिव परवेज आलम ने अपने वक्तव्य में स्वीकार किया कि इसमें कोई संदेह नहीं कि आज पुराने और कर्मठ नेताओं को वह सम्मान नहीं दिया जा रहा है जिसके वे वास्तव में अधिकारी हैं. उन्होंने संगठन को मजबूत करने के लिए सभी मतभेदों को भुलाकर एक साथ आने और उसी जुनून के साथ कार्य करने का आह्वान किया, जैसा कि पहले आंदोलन के समय किया गया था.
दिब्येंदु भगत ने कंचन तिवारी को राजनीतिक गुरु बताया:
कार्यक्रम का संयोजन आसनसोल नगर निगम के एमआईसी दिब्येंदु भगत ने किया. उन्होंने कहा कि वे कंचन तिवारी को न केवल एक मित्र के रूप में, बल्कि एक राजनीतिक गुरु के रूप में मानते थे.उन्होंने बताया कि उन्होंने तिवारी जी के साथ कई आंदोलनों में भाग लिया और कठिन समय में भी उनके साथ खड़े रहे. श्री भगत ने कहा कि तिवारी जी का संघर्ष, बलिदान और सेवा भावना हमेशा प्रेरणा देती रहेगी और उनके सिद्धांतों पर चलना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
इस अवसर पर सभा में अनेक प्रमुख लोग उपस्थित थे, जिनमें अधिवक्ता सायंतन मुखर्जी, टीएमसी नेत्री हिना खातून, सुरेंद्र कहार, उज्ज्वल मंडल, अनल मुखर्जी और वकील सिंह प्रमुख रूप से शामिल रहे. सभी ने स्वर्गीय कंचन तिवारी के व्यक्तित्व, उनके राजनीतिक योगदान और सामाजिक संघर्षों को याद किया और उनके प्रति गहरी श्रद्धा प्रकट की.
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