रानीगंज- पश्चिम बंगाल मेडिकल सेल्फ रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन ने दवा उद्योग में व्याप्त कालाबाजारी और नकली दवाओं के खिलाफ केंद्र और राज्य सरकारों के विरोध में एक रोड शो आयोजित किया इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से संगठन ने 9 जुलाई को प्रस्तावित देशव्यापी आम हड़ताल को सफल बनाने का भी आह्वान किया.
संगठन ने कई गंभीर मुद्दों पर अपनी चिंता व्यक्त की और सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की. एसोसिएशन ने दवा उद्योग में बढ़ती कालाबाजारी और नकली दवाओं के प्रचलन पर गहरी चिंता व्यक्त की, जिससे आम जनता के स्वास्थ्य पर सीधा खतरा मंडरा रहा है संगठन ने केंद्र सरकार की विभिन्न श्रम नीतियों का कड़ा विरोध किया, विशेषकर चार नए श्रम कोड लागू करने के प्रस्ताव पर.
पश्चिम बर्दवान जिला कमेटी के सचिव मंडली के सदस्य बलराम चटर्जी ने बताया कि ये श्रम कोड श्रमिक वर्ग के अधिकारों को छीन लेंगे. उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि नए कानून महिलाओं को काम से वंचित करने की सोच के साथ लाए जा रहे हैं, क्योंकि इनमें महिलाओं को मातृत्वकालीन छुट्टी का प्रावधान नहीं मिलेगा. एसोसिएशन ने आवश्यक दवाओं पर लगाए गए जीएसटी को पूरी तरह से हटाने की मांग की। उन्होंने तर्क दिया कि पूरे विश्व में कहीं भी दवाओं पर जीएसटी लागू नहीं होता, लेकिन भारत में यह एक बड़ी समस्या है. संगठन ने आरोप लगाया कि कोरोना काल में देश के लोगों को दी गई वैक्सीन के कारण आज कई लोग दिल की बीमारियों से पीड़ित हो गए हैं. उन्होंने दावा किया कि यह बात केंद्र सरकार की अपनी रिपोर्ट में सामने आई है. एसोसिएशन ने बिना उचित जांच के वैक्सीन को बाजार में जारी करने के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि इसकी वजह से लाखों लोग बीमार पड़ रहे है.
रानीगंज के नेताजी मोड़ पर आयोजित इस पथ सभा का नेतृत्व जिला समिति के नेता बलराम चटर्जी, बिश्वरूप रॉय और प्रकाश मंडल ने किया इस अवसर पर संगठन के रानीगंज लोकल कमेटी के अध्यक्ष प्रकाश मंडल, उपाध्यक्ष चंदन चक्रवर्ती, जनरल सेक्रेटरी शुभजीत डे, तथा अन्य स्थानीय नेता जैसे चंदन शर्मा, राहुल दास, हर प्रसाद भट्टाचार्य, तन्मय सेन, और सैकत चटर्जी भी उपस्थित थे
9 जुलाई की हड़ताल एक चेतावनी:
संगठन ने स्पष्ट किया कि 9 जुलाई को होने वाली देशव्यापी हड़ताल केंद्र सरकार के लिए एक चेतावनी है.उन्होंने कहा कि इस दिन पूरे देश में कोई काम नहीं होगा और सरकार को अपनी नीतियों में बदलाव लाना होगा। यह आंदोलन दवा उद्योग के श्रमिकों और आम जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
0 टिप्पणियाँ